Rajasthan

know the harmful effects of diabetes in different countries | चीन, भारत और अमेरिका में नासूर की तरह है मधुमेह ,जानिए कैसे

भारत में रोगियों की संख्या सबसे अधिक

इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन की रिपोर्ट 2021 के मुताबिक 20 से 79 साल की उम्र के 537 मिलियन लोग इससे पीड़ित हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन, भारत और अमेरिका में मधुमेह के वयस्क रोगियों की संख्या सबसे अधिक है। इस स्थिति को देखते हुए, पीड़ितों की कुल संख्या 2030 तक 643 मिलियन और 2045 तक 783 मिलियन होने का अनुमान है। कोरोना के बाद भारत सहित पूरी दुनिया में मधुमेह बढ़ गया है।

डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है। यह एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है जिसमें रोगी के ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बहुत अधिक होता है। जब किसी व्यक्ति का शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है और शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया नहीं करती हैं। चूंकि इंसुलिन का निर्माण शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और यह रक्त से ग्लूकोज को शरीर की कोशिकाओं तक पहुंचाता है। इसलिए जब इंसुलिन सही मात्रा में नहीं बनता है तो इसका असर पीड़ित के शरीर के मेटाबॉलिज्म पर भी पड़ता है।

photo_6127594893510554113_x.jpgशरीर को ग्लूकोज कैसे मिलता है। हम जो भोजन करते हैं, उससे शरीर को ग्लूकोज मिलता है जिसका उपयोग कोशिकाएं शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए करती हैं। यदि इंसुलिन शरीर में मौजूद नहीं है, तो यह अपना काम ठीक से नहीं कर सकता है और रक्त से ग्लूकोज को कोशिकाओं तक नहीं पहुंचा सकता है। इससे ग्लूकोज रक्त में ही जमा हो जाता है।जो ग्लूकोज को हमारी कोशिकाओं में पहुचाने में मदद करता है जिससे की ऊर्जा प्रदान की जा सके। यह बढ़ा हुआ ब्लड शुगर का लेवल या ग्लूकोज का लेवल आंखों को नुकसान, किडनी को नुकसान, हृदय को नुकसान आदि जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है।

नार्मल ब्लड शुगर लेवल भोजन से पहले ब्लड शुगर लेवल 80 से 130 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर या 4.4 से 7.2 मिलीलीटर प्रति लीटर होना चाहिए। इसके अलावा खाना खाने के 2 घंटे बाद आपका ब्लड शुगर 180 मिलीलीटर प्रति लीटर से कम होना चाहिए।

photo_6127594893510554108_x.jpgडायबिटीज़ के प्रकार
– टाइप 1 डायबिटीज ( इंसुलिन )
– टाइप – 2 डायबिटीज ( ओरल एंटीबायोटिक्स दवाएं )
– जेस्टेशनल डायबिटीज( जो कि प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली हाई ब्लड शुगर की समस्या है) डायबिटीज के कारण

– इंसुलिन की कमी
– परिवार में किसी व्यक्ति को डायबिटीज़ होना
– बढ़ती उम्र
– हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल
– एक्सरसाइज ना करने की आदत
– हार्मोन्स का असंतुलन
– हाई ब्लड प्रेशर
– शराब पीने से भी
– खान-पान की ग़लत आदतें (मीठा , शक्कर से भरी और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन ,मीठे शर्बत और सोडा वाले ड्रिंक्स,आइसक्रीम, कैंडीज़)

photo_6127594893510554112_x.jpgखाने में इन चीजों को शामिल न करें – आलू, चावल, गन्ना, केला, आम, चीकू, अनार, संतरा जैसे खाद्य पदार्थ रक्त में शर्करा के स्तर को तेजी से बढ़ा सकते हैं, इसलिए इनसे बचें। इन खाद्य पदार्थों में ग्लूकोज की मात्रा अधिक होती है। लंबे समय तक और अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है।

ऐसे रखें डायबिटीज पर कंट्रोल – अच्छी डाइट (हाई फाइबर डायट खाएं,प्रोटीन का सेवन भी अधिक मात्रा में करें)
– पर्याप्त नींद
– ब्लड शुगर लेवल पर निगरानी
– हेल्दी नाश्ता करे दिनभर
– वजन को कंट्रोल करे
– शरीर को एक्टिव रखें (सुबह-शाम टहलने जाएं, एक्सरसाइज करें)
-विटामिन डी की कमी ना होने दें। क्योंकि, विटामिन डी की कमी से डायबिटीज़ का ख़तरा बढ़ता है।

डायबिटीज या मधुमेह के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए। डायबिटीज़ के निदान के लिए कुछ प्रकार के टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है। डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। ‘पत्रिका’ इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj