जानें क्यों जालोर के किसान कर रहे प्रदर्शन? कुंभकर्ण की फोटो लेकर बजाए ढोल-नगाड़े, महिलाओं ने भी किया समर्थन
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जालोर:- जालोर जिले के किसान आज भी जवाई बांध के पानी पर अपने अधिकार को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. पिछले 18 दिनों से जारी महापड़ाव में किसानों ने कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन कर सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं. शिवसेना और किसानों ने कुंभकर्ण की प्रतिमा के साथ ढोल-नगाड़े बजाकर विरोध जताया, जिसमें सैकड़ों किसानों और महिलाओं ने हिस्सा लिया.
पानी के लिए किसानो का सड़क पर संघर्षकिसानों ने लोकल 18 को बातचीत में बताया कि जवाई बांध का पानी जालोर का हक है, लेकिन सरकार इस पर कोई कदम नहीं उठा रही है. शिवसेना जिला प्रमुख रूपराज पुरोहित ने बताया कि जालोर के किसानों का एक तिहाई पानी सुनिश्चित करने की मांग जायज है. किसानों का आरोप है कि सरकार की उदासीनता ने उन्हें मजबूर कर दिया है कि वे सड़कों पर उतरें और अपने अधिकार के लिए लड़ें. कलेक्ट्रेट के सामने सड़क जाम और कुंभकर्ण की फोटो के साथ प्रदर्शन ने इस आंदोलन को और प्रभावी बनाया. किसानों ने “हम हमारा हक मांगते हैं, भीख नहीं” जैसे नारों के साथ सरकार को अपनी मांगों की याद दिलाई.
महिलाओं ने किया मटकी फोड़ प्रदर्शनमहापड़ाव में महिलाओं की भागीदारी ने आंदोलन को नई ऊर्जा दी. जिलेभर की महिलाएं धरना स्थल पर पहुंची और अपनी नाराजगी जताई. महिलाओं ने राजस्थानी भाषा में गीत गाकर प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री को उनके वादे याद दिलाए. उन्होंने कलेक्ट्रेट के सामने मटकी फोड़कर प्रदर्शन किया और चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, वे पीछे नहीं हटेंगी.
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किसानो की सरकार से उम्मीदLocal 18 से बातचीत में एक किसान ने बताया कि जालोर, आहोर, सायला, और बागोड़ा के किसान और महिलाएं इस बात पर अडिग हैं कि जवाई बांध का पानी जालोर के लिए बेहद जरूरी है. किसानों का कहना है कि क्षेत्र में खेती और पशुपालन पूरी तरह से इस पानी पर निर्भर है. अगर सरकार ने जल्द ही सकारात्मक कदम नहीं उठाए, तो किसान भाई पशुधन को भी धरना स्थल पर लाएंगे. समाजसेवी दिनेश बारहठ ने बताया कि आंदोलन के 18वें दिन, किसानों की एकता और संघर्ष यह साबित करता है कि वे अपने हक के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. यह संघर्ष सिर्फ पानी का नहीं है, बल्कि किसानों के जीवन और क्षेत्र के भविष्य की लड़ाई है.
Tags: Farmer Protest, Local18, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : December 7, 2024, 21:13 IST