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Kolkata Doctor murder Case: कौन है संदीप घोष? जहां से पढ़ा, वहीं बना प्रिंसिपल, ट्रेनी डॉक्‍टर मर्डर से है कनेक्‍शन

Kolkata Doctor murder Case: पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल कोलकाता में जूनियर महिला डॉक्‍टर के साथ रेप और हत्‍या की घटना से पूरे देश में आक्रोश है. इस घटना का विरोध देशभर में हो रहा है. देश भर के जूनियर डॉक्टर, मेडिकल छात्रा और डॉक्टर सड़कों पर उतर आए हैं. अब इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है इस मामले में आरोपी के अलावा एक और नाम जो चर्चा में है वह है आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष का. संदीप घोष ने घटना के तीन बाद अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया था, लेकिन आरोप है कि उन्‍होंने इस पूरे मामले में लीपापोती की और हत्‍या के मामले को आत्‍महत्‍या का रूप देने की कोशिश की. अब सीबीआई उनसे लगातार पूछताछ कर रही है. आइए जानते हैं कि संदीप घोष कौन हैं और कैसे उन्‍होंने जहां से पढ़ाई की, वहीं के प्रिंसिपल बन गए.

आरजी कर मेडिकल कॉलेज से की पढ़ाईआरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसपल संदीप घोष पश्चिम बंगाल के एक छोटे से शहर बैंगांव का रहने वाले हैं. उनकी पढ़ाई लिखाई भी बैंगांव में ही हुई. यहां से घोष ने वर्ष 1989 में हाईस्‍कूल तक की पढ़ाई की. बाद में बारहवीं किया जिसके बाद उन्‍होंने मेडिकल स्‍टडीज का रूख किया. इस दौरान वह कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज पहुंचे और यहां उन्‍होंने मेडिकल स्‍टडीज के लिए एडमिशन लिया. वर्ष 1994 में संदीप घोष ने यहां से अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्‍होंने मेडिकल फील्‍ड में अपने करियर की शुरूआत की. इस दौरान वह कई अलग अलग भूमिकाओं में भी रहे. देखते ही देखते वर्ष 2021 में संदीप घोष को आरजी मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल नियुक्‍त कर दिया गया. यह वही जगह थी, जहां कभी संदीप घोष पढ़ा करते थे और यहीं से उन्‍होंने अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी की थी.

और कहां कहां रहे घोषआरजी कर मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल बनने से पहले संदीप घोष कलकत्‍ता नेशनल मेडिकल कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल रहे. ऑर्थोपेडिक्‍स प्रोफेसर और सर्जन होने के बाद भी वह मेडिकल फील्‍ड में अपना नाम नहीं बना पाए, लेकिन जैसे ही वह आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल नियुक्‍त हुए वह एक बार फिर चर्चा में आ गए.

विवादों से रहा है पुराना नाताऐसा नहीं कि संदीप घोष का नाम पहली बार विवादों में आया हो, इससे पहले भी कई बार वह विवादों में घिर चुके हैं. इसके पहले आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष को उनके पद से दो बार हटाया जा चुका है, लेकिन उसके बाद उन्‍हें वापस वहीं तैनाती दी दी गई. संदीष घोष के प्रभाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक बार उन्‍हें हटाने के लिए एक सरकारी आदेश को महज 48 घंटे की भीतर रदद कर दिया गया. बताया जाता है कि भ्रष्‍टाचार के मामले में जून 2023 में संदीप घोष का तबादला मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में कर दिया गया था, लेकिन एक महीने के अंदर ही उन्‍हें दोबारा आरजी कर मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल बना दिया गया. इसी तरह सितंबर 2023 में रैंगिंग संबंधित घटना के बाद उनका दूसरी जगह ट्रांसफर कर दिया गया था, लेकिन दोबारा फिर उन्‍हें आरजी कर मेडिकल कॉलेज में तैनात कर दिया गया.

Tags: Kolkata News, MBBS student, Medical Students, NEET

FIRST PUBLISHED : August 20, 2024, 11:07 IST

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