Kota News : राजस्थान के गांव की दर्दनाक तस्वीर… बेटे ने किराए के टेंट में मां को दी अंतिम विदाई!

Last Updated:October 27, 2025, 18:26 IST
Kota News: भगवानपुरा गांव में श्मशान घाट न होने से बेटे ने मां का अंतिम संस्कार बारिश में किराए के टेंट में किया. ग्रामीणों ने प्रशासन की अनदेखी पर नाराजगी जताई.
कोटा. राजस्थान के कोटा जिले के दीगोद तहसील के भगवानपुरा गांव में एक दर्दनाक और शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक बेटे को अपनी मां का अंतिम संस्कार भारी बारिश के बीच किराए के टेंट में करना पड़ा. वजह यह थी कि गांव में आज तक श्मशान घाट जैसी मूलभूत सुविधा तक नहीं है. ग्रामीणों ने बताया कि बार-बार प्रशासन से मांग करने के बावजूद अब तक गांव में श्मशान घाट नहीं बनाया गया, जिसके चलते परिवार को मजबूरी में यह कदम उठाना पड़ा.
जब गांव में तेज बारिश हो रही थी, उसी दौरान भगवानपुरा निवासी एक बुजुर्ग महिला का निधन हो गया. अंतिम संस्कार की तैयारी के दौरान परिजनों ने देखा कि गांव में कोई स्थायी श्मशान नहीं है. आसपास की जगह पानी से भर चुकी थी और लकड़ी जलाने तक की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी. मजबूर होकर बेटे ने किराए का टेंट मंगवाया और उसके नीचे ही अपनी मां का दाह संस्कार किया.
गांव में मूलभूत सुविधाओं की भारी किल्लतग्रामीणों ने बताया कि भगवानपुरा और आसपास के इलाकों में मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है. कई बार जनप्रतिनिधियों और प्रशासन को ज्ञापन देने के बावजूद न तो श्मशान घाट बना और न ही अंतिम संस्कार के लिए कोई स्थायी व्यवस्था की गई. गांव के लोगों ने बताया कि बरसात के दिनों में यह समस्या और गंभीर हो जाती है क्योंकि खुले में अंतिम संस्कार करना असंभव हो जाता है.
प्रशासन पर भड़के ग्रामीण, बोले- शर्मनाक है हालातगांव के बुजुर्गों ने कहा कि यह घटना पूरे सिस्टम की नाकामी को उजागर करती है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पंचायत और तहसील स्तर पर कई बार मांग रखी गई, लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं. उन्होंने कहा कि आज भी अगर किसी की मृत्यु हो जाए तो परिवार को अपने स्तर पर टेंट लगाकर या खुले आसमान के नीचे चिता जलानी पड़ती है.
Anand Pandey
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल… और पढ़ें
First Published :
October 27, 2025, 18:26 IST
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राजस्थान की दर्दनाक तस्वीर… बेटे ने किराए के टेंट में मां को दी अंतिम विदाई!



