Kota Thermal’s Unit No. 6 On, Fourth Off – कोटा थर्मल की यूनिट संख्या 6 चालू, चौथी बंद

राज्य में बिजली संकट के दौर के बीच रविवार शाम को कोटा सुपर थर्मल पावर प्लांट की यूनिट संख्या 6 को लाइटअप कर दिया गया। इस यूनिट में सोमवार सुबह तक पूरी क्षमता से उत्पादन शुरू हो जाएगा। वहीं चौथी यूनिट रविवार रात 8 बजे बंद हो गई।

जयपुर। राज्य में बिजली संकट के दौर के बीच रविवार शाम को कोटा सुपर थर्मल पावर प्लांट की यूनिट संख्या 6 को लाइटअप कर दिया गया। इस यूनिट में सोमवार सुबह तक पूरी क्षमता से उत्पादन शुरू हो जाएगा। वहीं चौथी यूनिट रविवार रात 8 बजे बंद हो गई। वॉयलर ट्यूब में लीकेज होने के कारण इस यूनिट को बंद करना पड़ा। यूनिट संख्या-6 में 195 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। वहीं झालावाड़ की कालीसिंध तापीय विद्युतगृह की यूनिट 2 में 600 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो गया है।
अधिकारियों ने बताया कि अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल को केन्द्रीय कोल सचिव अनिल जैन ने एनसीएल और एसईसील से अधिक कोयला उपलब्ध कराने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करने का आश्वासन दिया है। डॉ. अग्रवाल ने केन्द्रीय कोल सचिव को संदेश भेजकर जेएस कोल की अध्यक्षता में गठित सब गु्रप की अनुशंसा के बाद भी एनसीएल से 4 रैक ही जारी होने व एसईसीएल से एक भी रैक जारी नहीं होने की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए प्रतिदिन कम से कम दस रैक जारी कराने की मांग की है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश में कोयले की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कोल इंडिया व विद्युत निगम के संयुक्त उपक्रम पर दबाव बनाए हुए हैं। 9 अक्टूबर को विद्युत उत्पादन निगम को कोल एनसीएल से 5 कोल रैक और एसईसीएल से सड़क कम रेल मोड से एक रैक जारी हुई है। इसके साथ ही विद्युत उत्पादन निगम के कोल ब्लॉक से 9 रैक जारी हुई है। उन्होंने बताया कि अब कुल मिलाकर औसतन 14 से 15 रैक जारी होने लगी है।
अधिकारियों ने बताया कि रविवार को अवकाश का दिन और अधिक उमस भरी गर्मी होने के बावजूद बिजली की मांग में कुछ कमी देखी गई है वहीं उपलब्धता में बढ़ोतरी हुई है। रविवार को करीब 696 मेगावाट की उपलब्धता बढ़ी और करीब 99 मेगावाट की औसत मांग और 682 मेगावाट की अधिकतम मांग में कमी आई है। राज्य में मौसम के सुधार के कारण करीब 207 लाख यूनिट सौर उर्जा व 175 लाख यूनिट पवन उर्जा की उपलब्धता रही। उन्होंने बताया कि राज्य में रोटेशन के आधार पर बिजली की कटौती की जा रही है।