KVS Admission 2024: क्या सांसद केंद्रीय विद्यालय में करा सकते हैं आपके बच्चे का एडमिशन?

KVS Admission 2024: ढेर सारे अभिभावक केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन के लिए सांसदों के पास भी पैरवी के लिए पहुंच जाते हैं, लेकिन क्या केंद्रीय विद्यालय में सांसद एडमिशन करा सकते हैं, तो इसका जवाब ना में है. मतलब साफ है कि सांसद आपके बच्चे का एडमिशन केंद्रीय विद्यालय में नहीं करा सकते. वर्ष 2022 में केंद्र सरकार ने केंद्रीय विद्यालयों में सांसदों समेत कई तरह के कोटे से होने वाले एडमिशन खत्म कर दिए.
KVS Admission Qouta: किन्हें मिलती है वरीयता
केंद्रीय विद्यालय में यूं तो कई तरह के कोटे होते हैं, इसमें केंद्रीय कर्मचारियों से लेकर पीएसयू और एक्स आर्मी मैन के बच्चों को एडमिशन में प्राथमिकता दी जाती है. इसके बाद बची शेष सीटों पर सामान्य नागरिक के बच्चों को दाखिला मिलता है. पहले हर सांसद के पास भी केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन का अधिकार होता था, लेकिन वर्ष 2022 में केंद्र सरकार ने एडमिशन संबंधी दिशा निर्देशों में बदलाव किया. जिसके तहत केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन के लिए एमपी यानि सांसद कोटा खत्म कर दिया गया. इतना ही नहीं एमपी कोटे के साथ साथ जिला अधिकारी समेत पूर्व कर्मचारियों व अधिकारियों का कोटा भी खत्म कर दिया गया. बता दें कि पहले इन सभी के लिए कुछ सीटों का कोटा निर्धारित किया गया था, जिससे तमाम अभिभावक पैरवी के माध्यम से अपने बच्चों का एडमिशन केंद्रीय विद्यालय में कराने में कामयाब रहते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा.
KVS Admission mp Qouta: कितना होता था एमपी कोटा
केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन के लिए एमपी यानि सांसदों का एक तय कोटा था. इसके तहत प्रत्येक सांसद हर साल शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में कुल 10 बच्चों के एडमिशन की सिफारिश कर सकते थे. ये सिफारिशें कक्षा एक से नौवीं तक की कक्षाओं में प्रवेश के लिए की जाती थीं. सांसद कोटा के तहत कोई भी सांसद सिर्फ उन्हीं 10 बच्चों के नामों की सिफारिश कर सकता था, जिनके माता-पिता सांसद के निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित होते थे.
KVS Admission: सांसद कोटे से होते थे कितने एडमिशन
देश में लोकसभा के 543 और राज्यसभा के 245 सांसद होते हैं. ऐसे में हर सांसद के पास दस बच्चों के एडमिशन का कोटा होता था, जिसके तहत हर साल केंद्रीय विद्यालय में कुल 7880 स्टूडेंट्स का एडमिशन सांसद कोटे से होता था, लेकिन कई बार सांसदों की सिफारिश के कारण यह संख्या अधिक हो जाती थी. आंकड़ें बताते हैं कि वर्ष 2018-19 में सांसद कोटे के तहत कुल 8,164 एडमिशन हुए थे. इसी तरह वर्ष
2019-20 में एमपी कोटे से 9411 एडमिशन हुए, तो वहीं 2020-21 में कुल 12,295 बच्चों के दाखिले हुए. हालांकि साल 2021-22 में एमपी कोटे के तहत कुल 7301 एडमिशन हुए. वर्ष 2022 में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस तरह के सभी कोटे को खत्म कर दिया. तब से कोई सांसद केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन की सिफारिश नहीं कर सकता.
Kendriya vidhalaya admission: ये कोटा रहेगा बरकरार
केंद्रीय विद्यालयों में भले ही एमपी कोटा खत्म कर दिया गया हो, लेकिन एडमिशन कोटा के कुछ विशेष प्रावधानों को अभी भी रखा गया है. इसके तहत महावीर चक्र, परमवीर चक्र, अशोक चक्र, वीर चक्र, शौर्य चक्र और कीर्ति चक्र पाने वाले अभिभावकों के बच्चों का कोटा बरकरार रखा गया है. इसी तरह राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार पाने वाले बच्चे, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के कर्मचारियों के 15 बच्चों के एडमिशन का कोटा रखा गया है. वहीं कोरोना के कारण जिन अभिभावकों की मौत हुई थी, उनके अनाथ बच्चों तथा केंद्र सरकार के दिवंगत कर्मचारियों के बच्चों का कोटा भी बरकरार है.
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Tags: Admission Guidelines, Nursery Admission, School Admission
FIRST PUBLISHED : April 9, 2024, 16:59 IST