Live rescue of poisonous snake found in the field. Farmer bitten twice during rescue.

चूरू:- अक्सर सांप का नाम सुनते ही बड़े-बडों की कपकपी छूट जाती है. सांपो की प्रजाति में से स्केल वाइपर इतना जहरीला सांप होता है कि इसके काटने के बाद सही समय पर उपचार ना मिले, तो व्यक्ति की मौत भी हो जाती है. चूरू जिले में इन दिनों इस जहरीले सांप का आतंक बना हुआ है. हर सप्ताह करीबन तीन चार मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि विशेषज्ञ बताते हैं कि सभी सांप जहरीले नहीं होते. लोग काटने के बाद अक्सर डर व अज्ञानता के चलते इन्हें मार भी देते हैं.
तारानगर में एक 40 वर्षीय व्यक्ति को खेत में सांप का रेस्क्यू करना भारी पड़ा. यहां रेस्क्यू के दौरान जहरीले सांप ने 40 वर्षीय शौकत को काट लिया, जिसके बाद शौकत की तबीयत बिगड़ गई. तबीयत बिगड़ने पर शौकत को परिजन पहले तारानगर स्थित स्थानीय गोगामेडी लेकर गए, जहां झाड़ा लगवाने के बाद उसे तारानगर अस्पताल ले जाया गया. चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया, जहां शौकत की स्थिति गंभीर होने पर उसे अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती किया गया है. शौकत ने लोकल 18 को बताया कि वह खेत में ही रहता है. इसी दरमियां खेत में आए सांप का उसने रेस्क्यू शुरू किया और रेस्क्यू के दरमियान सांप ने उसे हाथ पर दो बार काट लिया. वहीं जहरीले सांप के रेस्क्यू का वीडियो भी सामने आया है.
जंगल काटने से घरों में घुस रहे सांपविशेषज्ञ प्रोफेसर केसी सोनी Local 18 को बताते हैं कि सभी सांप आक्रामक नहीं होते हैं. उन्हें छेड़ने या परेशान करने पर गुस्से में आकर वह हमला कर देते हैं. शहर के आस-पास काफी जंगल थे, जहां ये स्वंतत्र रूप से विचरण करते थे. लेकिन पिछले कुछ सालों में जंगलों को काटकर कालोनियां खड़ी कर दी हैं. ऐसे में ये सांप भोजन की तलाश में घरों में घुस जाते हैं, जहां खतरा महसूस होने पर वो काट भी लेते हैं.
चूरु में पायी जाती है 18 प्रजातिप्रोफेसर केसी सोनी ने बताया कि चूरू जिले में करीब 18 सांपों की प्रजाति पायी जाती है, जिसमें 14 जहरीले नहीं हैं, बल्कि सिर्फ चार प्रजाति ही जहरीली है. काला नाग (कोबरा), पिउना सांप, बांडी दो तरह की होती है, एक रसेल वाइपर और स्केल वाइपर, जिनके काटने पर सही समय पर उपचार नहीं मिलने पर मौत भी हो जाती है.
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FIRST PUBLISHED : August 20, 2024, 15:49 IST