Loan given to the family by signature of patwari | अध्यक्ष पति-पत्नी बने बंटी और बबली, पटवारी के हस्ताक्षर कर परिवार को दिलाए लोन

जयपुरPublished: Aug 21, 2023 09:50:57 pm
नागौर की दो ग्राम सेवा सहकारी समिति (जीएसएस) में सामने आया कर्जमाफी घोटाला। एक में पति तो दूसरे में पत्नी थी अध्यक्ष। दोनों ने खुद व बेटे-बहुओं के नाम लोन लिए। पहले भाजपा राज में और फिर कांग्रेस राज में हुई कर्जमाफी में इनके लोन भी माफ हो गए। सहकारी विभाग की जांच में पकड़ी गई गड़बड़ी। अब एसीबी ने दर्ज की एफआईआर।
अध्यक्ष पति-पत्नी बने बंटी और बबली, पटवारी के हस्ताक्षर कर परिवार को दिलाए लोन
जयपुर. भाजपा और कांग्रेस राज में हुए कर्जमाफी के घोटाले अभी भी सामने आ रहे हैं। ताजा मामला नागौर के सूदवाड़ और नींबोला में सामने आया है। ग्राम सेवा सहकारी समितियों (जीएसएस) में पति तो दूसरी में पत्नी अध्यक्ष थी। उन्होंने खुद और बेटे-बहुओं के साथ अपने जानकारों के नाम ऋण वितरित कर दिए। इसके लिए पटवारी की फर्जी हस्ताक्षर कर राजस्व रिकॉर्ड और साख सीमा की रिपोर्ट बनाई। ऋण लेने के बाद पहले वर्ष 2018 में भाजपा राज में और फिर वर्ष 2019-20 में हुई कर्जमाफी में लोन भी चुकता हो गया। इस जालसाजी में सोसायटी व्यवस्थापक भी लिप्त था। मामले में एसीबी ने एफआईआर दर्ज कर ली, जिसमें अध्यक्ष दम्पति के परिवार को नामजद किया गया है। फर्जीवाड़ी की शुरुआत वर्ष 2018 में हुई, जब कर्जमाफी की सुगबुगाहट शुरू हुई थी। सूदवाड़ा जीएसएस अध्यक्ष रामचंद्र था तथा निंबोला जीएसएस की अध्यक्ष उसकी पत्नी मंजू थी। आरोपियों ने व्यवस्थापक मंशाराम के साथ मिलकर खुद व परिवार के नाम अल्पकालीन फसली ऋण उठाए। भाजपा राज में कर्जमाफी में प्रत्येक सदस्य के पचास हजार रुपए तक माफ हुए। इसके बाद वर्ष 2019 दुबारा एक-एक लाख रुपए के लोन उठाए जो कांग्रेस सरकार की कर्जमाफी योजना में पूरे ही माफ हो गए।