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दूल्हा हिंदुस्तानी, दुल्हन पाकिस्तानी, तभी हो गया पहलगाम अटैक, अब सूख रही हाथों की मेहंदी

बीकानेर: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की तरफ से पाकिस्‍तान के खिलाफ सख्‍त एक्‍शन लिया गया हैं. इन्‍हीं में से एक निर्णय वाघा-अटारी सीमा पर बने चैकपोस्‍ट को बंद करने का है. यह चेकपोस्‍ट बंद करने से राजस्थान के बीकानेर में रहने वाले एक दूल्हे के अरमानों पर पानी फिर गया. बेचारे की दुल्हनियां पाकिस्तान में ही रह गई. दरअसल, शैतान सिंह की शादी पड़ोसी देश में होनी थी. वो अपने परिवार के साथ गुरुवार को पाकिस्तान के लिए निकल भी गए, लेकिन उन्हें अटारी बॉर्डर पर ही रोक दिया गया. उधर सीमा पार बैठी दुल्हनियां का हाल बेहाल है. वह लगातार रो रही है.

23 अप्रैल को थी शादीपहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान जाने वाले एक मात्र बॉर्डर अटारी को बंद कर दिया है. किसी को नहीं पता कि बॉर्डर अब कब खुलेंगे. ऐसे में पकिस्तान जाने वाले भारतीय नागरिकों के सामने नया संकट पैदा हो गया है. शैतान सिंह की पाकिस्तान में गुरुवार (23 अप्रैल, 2025) को शादी थी. इसलिए वह अटारी बॉर्डर पर पहुंच गए, लेकिन उन्हें वहां रोक लिया गया. फिलहाल अब शैतान सिंह को अपनी शादी टालनी पड़ी.

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‘आंतकवादियों ने जो किया वो गलत’शैतान सिंह का कहना है कि आतंकवादियों ने जो किया है, वह गलत है. हमें पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है क्योंकि सीमा बंद है. देखते हैं अब क्या होता है. केंद्र सरकार ने कल घोषणा की कि एकीकृत चेकपोस्ट अटारी को तुरंत बंद कर दिया जाएगा. जो लोग वैध अनुमोदन के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे 1 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं.

क्या बोले दूल्हे के भाई?वहीं, उनके भाई सुरेंद्र सिंह ने बताया कि वह मूल रूप से पाकिस्तान के ही रहने वाले हैं. आज भी उनकी दादी और चार चाचा पाकिस्तान में रह रहे हैं. जबकि बंटवारे के वक्त उनके पिता भारत आ गए थे. उन लोगों की रिश्तेदारियां भी वहीं हैं. इसी क्रम में उनके भाई शैतान सिंह की शादी तय हो गई थी. इस शादी के लिए वह अपने बंधु बांधवों के साथ पाकिस्तान जा रहे थे.

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दुल्हन का हाल बेहालउधर, दुल्हन के घर वाले भी इस शादी की सभी तैयारियां पूरी कर चुके हैं. खुद दुल्हन हाथों में मेंहदी सजाए बारात आने का इंतजार कर ही रही थी. इधर, जैसे ही उनकी बारात अटारी बॉडर्र पर पहुंची, सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें यह कहते हुए रोक दिया कि बॉर्डर को बंद कर दिया गया है. इस पर दोनों के सपने चकनाचूर हो गए.

कब हुआ पहलगाम हमला?22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों के एक समूह ने बेगुनाह पर्यटकों पर गोलियां चला दी थीं. ये लोग बैसरन घाटी घूमने गए थे, कई कपल्स भी थे, जो हनीमून के लिए कश्मीर आए हुए थे. जब ये लोग बैसरन घाटी में घूम रहे थे, तभी कुछ आतंकी वहां आए और लोगों से नाम और धर्म पूछने लगे. चश्मदीदों का कहना है कि उन्होंने लोगों से कलमा भी पढ़वाया और जो भी पढ़ नहीं सका या हिचकिचाया, उसको उसके परिवार के सामने ही गोली मार दी. इस पूरी घटना ने देश को झकझोर कर रख दिया है.

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