Adopting Bhagavad Gita paves the way for a healthy life | भगवद्गीता को अपनाने से प्रशस्त होता है स्वस्थ जीवन का मार्ग – राज्यपाल मिश्र

राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि भगवद्गीता को यदि हम जीवन में अपना लेते हैं तो सहज ही स्वस्थ जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त हो जाता है।
जयपुर
Published: February 22, 2022 06:25:10 pm
जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि भगवद्गीता को यदि हम जीवन में अपना लेते हैं तो सहज ही स्वस्थ जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त हो जाता है। उन्होंने भगवद्गीता को जीवन का महत्वपूर्ण ग्रंथ बताते हुए कहा कि जितनी बार हम इस पवित्र ग्रंथ को पढ़ते हैं, जीवन जीने के उतने ही नए अर्थ मिलते जाते हैं।

kalraj mishra
राज्यपाल मिश्र आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्थान, अहमदाबाद की ओर से आयोजित स्वास्थ्य और कल्याण विषयक संगोष्ठी में मंगलवार को यहां राजभवन से ऑनलाइन सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वस्थ जीवन का बड़ा सूत्र यही है कि जो हमारे पास है, उसमें संतोष करें। किसी से कोई अपेक्षा नहीं करें। जो दायित्व हमें दिए गए हैं, उनकी पूरे मन से पालना करें।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि भारतीय संस्कृति ‘सर्वे भवन्तु सुखिन, सर्वे संतु निरामया’ की है। सुखी और स्वस्थ होने पर ही जीवन के सभी क्षेत्रों में हम आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि मनुष्य के सम्पूर्ण स्वास्थ्य में शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अवस्थाएं एक दूसरे पर निर्भर हैं। मन स्वस्थ होगा तभी तन भी स्वस्थ होता है। इसलिए मन को स्वस्थ रखने के लिए सकारात्मक सोच रखना सबसे अधिक जरूरी है।
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने, परिवार को आगे बढ़ाने और स्वयं की प्रगति के लिए उत्तम स्वास्थ्य ही पहला आधार है। आयुर्वेद में आहार, निद्रा और ब्रह्मचर्य स्वास्थ्य के तीन आधार बताए गए हैं। आज कृत्रिम रसायन युक्त भोजन के कारण तमाम तरह की बीमारियां बढ़ रही हैं। उन्होंने सभी से अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्राकृतिक खेती से उत्पन्न आहार लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ जीवन जीने के लिए हमें पारिवारिक चिकित्सक ढूंढने से पहले पारिवारिक किसान ढूंढ़ना चाहिए जो हम जहर-मुक्त शुद्ध खाद्य पदार्थ उपलब्ध करा सकें।
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