why you should eat 1 mango daily in summer nutritionist reveals | गर्मियों में रोज एक आम खाने के फायदे: रुजुता दिवेकर

Last Updated:May 09, 2025, 15:06 IST
गर्मियों में रोज एक आम खाने से न मोटापा बढ़ता है, न डायबिटीज होती है. न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर के अनुसार, आम फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स और पॉलीफेनॉल्स का अच्छा स्रोत है.
न्यूट्रिशन एक्सपर्ट रुजुता दिवेकर ने रोज आम खाने की सलाह दी है.
हाइलाइट्स
आम खाने से न मोटापा बढ़ता है, न डायबिटीज होती है.आम फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स और पॉलीफेनॉल्स का अच्छा स्रोत है.रोज एक आम खाने से सेहत को फायदा होता है.
Why You Should Eat 1 Mango Daily in Summer? : गर्मियों में अक्सर पसीने और चिपचिपाहट से लोग परेशान हो जाते हैं. लेकिन इसी मौसम में प्रकृति ने एक ऐसी मिठास दी है, जिसका पूरे साल लोग इंतजार करते हैं. हम बात कर रहे हैं फलों के राजा यानी आम की. हालांकि जैसे ही आम की बात आती है, कई लोग इसे खाने से अपने हाथ रोकते हैं. क्योंकि कहीं आम खाने से मोटापा न आ जाए या कहीं ये आम डायबिटीज न बढ़ा दे. लेकिन प्रसिद्ध न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवाकर की मानें तो इस ‘आम’ को आम समझने की गलती आप बिलकुल मत कीजिएगा. बल्कि अगर करीना कपूर की इस न्यूट्रिशनिस्ट की मानें तो गर्मियों के मौसम में एक आम रोज खाकर आप अपनी सेहत को खुश कर सकते हैं.
न्यूट्रिशन एक्सपर्ट रुजुता दिवेकर ने बताया कि ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि ताजे आम खाने से डायबिटीज होती है. इतना ही नहीं, रोज एक आम खाने से आपका वजन बढ़ाता है, इसका भी कोई सबूत नहीं है. बल्कि इसके उलट आम फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स और पॉलीफेनॉल्स का अच्छा स्रोत है, जो कैंसर-रोधी गुण भी रख सकते हैं. रुजुता ने सोशल मीडिया पर अपने ताजा वीडियो में कहा, ‘यह वीडियो हर साल की तरह आपको याद दिलाने के लिए है कि गर्मियां आ गई हैं और आपको रोज एक आम खाना चाहिए. आम से न तो डायबिटीज होती है, न मोटापा और न ही पिंपल्स. बस आम को खाने से पहले आधे घंटे के लिए पानी में भिगो दें, फिर खाएं. आम स्वादिष्ट होता है, मीठा होता है, उसमें रेशे होते हैं, एंटीऑक्सीडेंट्स और पॉलीफेनॉल्स भी. जिन चीजों की आप वेलनेस प्रोडक्ट्स में तलाश करते हैं, वो सब कुछ इस प्राकृतिक फल में मौजूद है.’
गलत जानकारी नुकसानदायक है, आम नहींरुजुता अपने इस वीडियो में आगे बताती हैं, आम एक ऐसा फल है, जिसका सीजन आने का अब भी लोग इंतजार करते हैं. हम इंतजार करते हैं आम के प्राकृतिक रूप से पकने का, फिर उसे काटकर उसका स्वाद, रस और खुशबू महसूस करते हैं. खुद को इस अनुभव से वंचित मत कीजिए, क्योंकि एक आम रोज़ खाना उदासी को दूर कर सकता है, और आज के दौर में हम सबको इसकी ज़रूरत है.’