बीकानेर के महाराज गंगा सिंह जी के पास थी अकूत संपत्ति, तुलादान में जनता को बांटते थे सोने-चांदी के आभूषण

बीकानेर: आपने कभी न कभी राजा महाराजा और उनके सोने-चांदी की कहानियां सुनी होगी, जिसमें राजा-महाराजा को सोने चांदी के आभूषणों में तोला जाता था. लेकिन यह कोई कहानी नहीं है बल्कि यह सच है बीकानेर के राजा महाराजा को सोने चांदी के आभूषणों में तोला जाता था. इसका प्रमाण भी देखने को मिला है. यह प्रमाण बीकानेर के राजकीय गंगा संग्रहालय में बीकानेर गोल्डन जुबली नामक किताब में देखने को मिलता है. इसमें महाराजा गंगा सिंह जी को सोने और चांदी के आभूषणों में तोलते हुए देखा जा सकता है. साथ ही, उससे पहले वे पंडित के पास बैठे सोने और चांदी के आभूषणों को देखते हुए भी देखे जा सकते हैं.
महाराजा गंगा सिंह जी करते थे सोने-चांदी का दान
पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग वृत के अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी शंकरदत्त हर्ष ने बताया कि महाराजा गंगा सिंह जी ने जब 1937 में गोल्डन जुबली मनाई थी. तब उन्होंने कई जनउपयोगी कार्य किए थे. सनातन धर्म में एक परम्परा रही है तुलादन की, जिसमें जीवित रहते तुलादान किया जाता है. 1937 में जब उन्होंने 50 साल पूरे किए थे तब गोल्डन जुबली नामक किताब का प्रकाशन किया था. उस पुस्तक में महाराज गंगा सिंह जी की एक तस्वीर है, जिसमें वो तुलादान कर रहे है. जितने भी स्वर्ण और आभूषण होते थे वे उन्हें आवश्यकतानुसार दे दिया करते थे और जनता में बांट दिया करते थे. आज भी बीकानेर में लोग तुलादान करते हैं, जो जनउपयोगी कार्य में बांट दिया जाता है.
अपने वजन के बराबार बांटते थे सोना
महाराजा गंगा सिंह जी बीकानेर के 21वें महाराजा थे और वे अपनी कल्याणकारी नीतियों के लिए मशहूर थे. यही वजह है कि जब राजाओं को प्रजा के धन-दौलत और आभूषणों से तौलने का चलन था तब बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह ने उलटी रीति अपनाई. वो अपने वजन के बराबार धन-दौलत प्रजा में बांट दिया करते थे. वो हर वर्ष अपने वजन के बराबर का सोना अपनी गरीब और जरूरतमंद प्रजा को बांटा करते थे.
FIRST PUBLISHED : December 27, 2024, 17:43 IST