Maharashtra Election: कई सीटों शिंदे-अजित पवार के कैंडिडेट आमने-सामने, BJP किसका देगी साथ?

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में आखिरी दिन तक सीट बंटवारे पर ऐलान नहीं हो सका. क्योंकि कई सीटें ऐसी हैं, जिनपर गठबंधन की पार्टियां आमने-सामने हैं. महाविकास अघाड़ी हो या फिर बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति, दोनों के सामने यह बड़ा संकट है. लेकिन सबसे ज्यादा मुश्किल बीजेपी के सामने है. क्योंकि कई सीटें ऐसी हैं, जिस पर एकनाथ शिंदे गुट ने कैंडिडेट उतारे हैं तो अजित पवार की एनसीपी ने भी…दोनों बीजेपी की सहयोगी पार्टी, समर्थन करे तो किसका? लेकिन सूत्रों का कहना है कि बीजेपी ने इसका एक फार्मूला तैयार कर लिया है, जो अजित पवार के लिए झटके की तरह होगा.
नामांकन के बाद महायुति और महाविकास अघाड़ी में इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है कि मुश्किल सीटों को कैसे जीता जाए. जहां बागियों की वजह से तनाव है, वहां विद्रोहियों को मनाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं. लेकिन सबसे ज्यादा टेंशन में महायुति है. क्योंकि बीजेपी, शिवसेना शिंदे गुट और अजित पवार की एनसीपी ने कई विधानसभा सीटों पर आमने-सामने कैंडिडेट उतार दिए हैं. लेकिन सूत्रों का कहना है कि बीजेपी ने रास्ता निकाल लिया है. दो विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां महायुति के उम्मीदवार आमने-सामने होंगे. इनमें एक मोर्शी विधानसभा है, जहां बीजेपी के उमेश यावलकर और एनसीपी के देवेंद्र भुयार मैदान में हैं. दूसरी सीट, मुंबई के मानखुर्द-शिवाजी नगर है, जहां अजित पवार की पार्टी और शिंदे गुट आमने सामने होगा.
फैसले का क्या होगा असरसूत्रों के मुताबिक, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ इस मामले में बात की है. तय किया गया है कि मानखुर्द शिवाजी नगर सीट पर बीजेपी एनसीपी अजित पवार गुट के नवाब मलिक का समर्थन नहीं करेगी. उनकी जगह शिवसेना शिंदे गुट के उम्मीदवार का प्रचार करेगी. उसे समर्थन देगी.जबकि जहां मोर्शी सीट पर शिवसेना शिंदे गुट बीजेपी का समर्थन करेगा. इसके अलावा भी कुछ सीटें ऐसी हैं जिसका खुलासा, न तो बीजेपी ने किया है और न ही शिंंदे या अजित पवार गुट ने. वहां भी बीजेपी ने समर्थन का फार्मूला तैयार कर लिया है.
नवाब मलिक का विरोधनवाब मलिक अणुशक्तिनगर से मौजूदा विधायक हैं. मलिक की जगह उनकी बेटी सना मलिक चुनाव मैदान में होंगी. बीजेपी ने नवाब मलिक को टिकट देने का कड़ा विरोध किया है. महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान जब नवाब मलिक मंत्री थे तब उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने उन पर दाऊद के साथ संबंध होने के आरोप लगाए थे. उनकी वजह से नवाब मलिक को जेल जाना पड़ा. मलिक पर लगे गंभीर आरोपों के चलते बीजेपी ने उनके लिए प्रचार न करने का रुख अपनाया.
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FIRST PUBLISHED : October 31, 2024, 18:10 IST