India towards becoming an economic superpower | भारत आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर
जयपुरPublished: Jun 16, 2023 12:23:58 am
आईआईएफएल समूह फाउंडर ने कहा…
मुंबई. 2014 में जब भाजपा ने सत्ता संभाली थी, उस समय अप्रभावी नीतियों, विलंबित परियोजनाओं और बैंकिंग सेक्टर पर मंडराते बैड लोन के माहौल में सरकार से बहुत ज्यादा अपेक्षाएं थीं। उस समय पूरे विश्व में भारतीय अर्थव्यवस्था को ‘कमजोर माना जा रहा था। लेकिन आज यह देखकर बहुत खुशी हो रही है कि आर्थिक मोर्चे पर हमारा प्रदर्शन आशावादी अपेक्षाओं से भी बेहतर रहा है। पिछले 9 साल आर्थिक वृद्धि दर को बनाए रखने के लिए आसान नहीं थे। विश्व विकट चुनौतियों और विपरीत परिस्थितियों, जैसे कोविड, रूस यूक्रेन युद्ध, चीन-अमेरिका टकराव, बढ़ती महंगाई, बढ़ती ब्याज दर और कमजोर मुद्रा एवं विकसित देशों में मंदी के दौर से गुजर रहा था। भारत ने इन सभी चुनौतियों को पार भी किया, और एक ‘शक्तिशाली देश भी बनकर उभरा। यह कहना है निर्मल जैन, फाउंडर, आईआईएफएल समूह का।
उन्होंने बताया कि
भौतिक और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में पिछले 9 सालों में राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई लगभग दोगुनी होकर 1,45,000 किलोमीटर तक पहुंच चुकी है, ब्राडबैंड इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या 15 गुना बढ़कर 85 करोड़ को पार कर गई है, और 2022 में डिजिटल विनिमय 149.5 लाख करोड़ रु. के थे। जैन ने बताया कि देश को विकास करने में मदद करते हुए बैंकों ने सबसे अच्छा कैपिटल एडिक्वेसी और लाभ दर्ज किया, जिसका कारण बैड लोन का तेजी से समाधान और पीएसयू बैंकों का कान्सोलिडेशन कर कुछ बड़े बैंकों का निर्माण था। ईज ऑफ डूईंग बिजनेस रैंकिंग में भारत प्रभावशाली प्रदर्शन करते हुए 147 से बढ़कर 63 वें स्थान पर आ गया। आर्थिक और भूराजनैतिक क्षेत्र में कई बाहरी विकास भारत के लिए अच्छा समय लेकर आए हैं। मौजूदा सरकार द्वारा किए गए नीतिगत सुधारों के प्रभाव से भारतीय अर्थव्यवस्था की क्षमता और बढ़ेगी, और यह आने वाले दशक में 7 से 8 प्रतिशत प्रतिवर्ष की वृद्धि दर हासिल करते हुए 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ेगी।