Mahashivratri Special: The world’s only Panchmukhi Shiva idol is present here, this unique temple is built at a height of 3100 feet

Last Updated:February 17, 2025, 08:50 IST
Mahashivratri Special: राजस्थान के सीकर जिला मुख्यालय से 14 किलोमीटर दूर हर्ष पर्वत है. यहां पर विश्व की एकमात्र पंचमुखी शिव मूर्ति है. हर्ष पर्वत की ऊंचाई लगभग 3100 फीट है. हर्ष पर भगवान शिव की पंचमुखी मूर्ति…और पढ़ेंX
पंचमुखी शिव मूर्ति
राजस्थान के सीकर जिला मुख्यालय से 14 किलोमीटर दूर हर्ष पर्वत है. यह पर्वत अपनी ऊंचाई और चोटी पर बने भगवान शिव और भैरव नाथ के मंदिर के कारण पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है. हर्ष पर्वत की ऊंचाई लगभग 3100 फीट है. यह प्रदेश में माउंट आबू के बाद दूसरा सबसे ऊंचा पर्वत माना जाता है. यहां पर 1018 में चौहान राजा सिंह राज ने हर्ष नगरी और हर्षनाथ मंदिर की स्थापना करवाई थी.
इस प्राचीन मंदिर में विश्व की एकमात्र पंचमुखी मूर्ति हर्ष मंदिर में मौजूद है. जो विश्व की एकमात्र मूर्ति थी. हर्ष पर भगवान शिव की पंचमुखी मूर्ति के दर्शन के लिए भक्त आते हैं. जो भी दुर्लभ मानी जाती है. यह राजस्थान की एकमात्र व सबसे प्राचीन शिव प्रतिमा है. पुराणों में जिक्र है कि भगवान विष्णु के मनोहारी किशोर रूप को देखने के लिए भगवान शिव का यह रूप सामने आया था.
ये है हर्षनाथ शिव मंदिर की कहानी हर्ष पहाड़ी व भगवान शिव के हर्षनाथ नामकरण के पीछे पौराणिक कथा जुड़ी है. शिवपुराण में जिक्र है कि त्रिपुर राक्षस ने इंद्र व अन्य देवताओं को स्वर्ग से निकाल दिया था. देवताओं ने इसी पहाड़ी पर शरण ली थी. इसके बाद सभी देवताओं ने कैलाश पर्वत मौजूद भगवान शिव को बुलाया और त्रिपुर राक्षस के अंत की प्रार्थना की. जिसके बाद भगवान शिव ने त्रिपुर राक्षस को इसी पर्वत पर लाकर सभी देवताओं के सामने उनका अंत किया. इससे सभी देवता बहुत हर्षित हुए. ऐसे में इस पहाड़ी का नाम हर्ष व यहां स्थापित शिव हर्षनाथ कहलाए.
आज भी होता है अभिषेकमंदिर के पुजारी विजय सिंह ने बताया कि हर्ष पहाड़ी पर मौजूद प्राचीन पंचमुखी शिव की प्रतिमा की पूजा अर्चना अब भी लगातार जारी है. इस मंदिर में जाट समाज में पूनियां गोत्र की धोक आज भी इसी मंदिर में लगती है. सावन व शिवरात्रि पर मूर्ति का अभिषेक भी किया जाता है. शिवरात्रि के समय 3100 फीट की ऊंचाई पर बने इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ रहती है.
Location :
Sikar,Rajasthan
First Published :
February 17, 2025, 08:50 IST
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प्राचीन मंदिर में विश्व की एकमात्र पंचमुखी मूर्ति हर्ष मंदिर में मौजूद है, जो विश्व की एकमात्र मूर्ति थी. हर्ष पर भगवान शिव की पंचमुखी मूर्ति के दर्शन के लिए भक्त आते हैं