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मलयालम डायरेक्टर वासुदेवन नायर का निधन, 91 साल में लीं अंतिम सांसें, ज्ञानपीठ और पद्म भूषण से थे सम्मानित

नई दिल्ली.  ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित महान लेखक एम.टी. वासुदेवन नायर का 91 साल की उम्र में निधन हो गया. वो साहित्य के साथ ही मलयालम सिनेमा का भी जाना-माना चेहरा थे. एक्टर और दिग्गज लेखक केरल के कोरिकोड के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट थे. प्यार से एमटी के नाम से मशहूर नायर साहित्य और सिनेमा जगत में अपनी कभी न भूली जाने वाली विरासत छोड़ गए हैं.

लेखक बीते 11 दिनों से हॉस्पिटल में थे. उन्हें दिल का दौरा पड़ा था जिसके बाद से वो हॉस्पिटल में एडमिट थे. मंगलवार रात को उन्हें वेंटीलेटर सपोर्ट से हटा दिया गया था, लेकिन बुधवार को उनकी हालत बिगड़ने लगी और रात तक एक्टर की मौत हो गई.

मुश्किलों भरा था सफर15 जुलाई, 1933 को कुदल्लूर, पोनानी तालुक में जन्में एमटी का शुरुआती जीवन काफी मुश्किलों भरा था. जीवन की इन चुनौतियों ने उनकी लेखनी पर काफी गहरा असर डाला था. 1953 में पालक्काड के विक्टोरिया कॉलेज से केमिस्ट्री में डिग्री हासिल करने के बाद, उन्होंने कुछ समय के लिए शिक्षक के तौर पर काम किया था. 1957 में उन्होंने लेखक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत ‘मातृभूमि’ में सब-एडिटर के तौर पर की थी.

जीत चुके हैं नेशनल अवॉर्डएम.टी. वासुदेवन नायर को बचपन से ही लिखने का शौक था. उन्होंने कॉलेज में ‘रक्तम पुरंदा मंथरिकल’ के साथ लिखने की शुरुआत की थी. सिनेमा की दुनिया में एमटी ने स्टोरी राइटिंग की शुरुआत मलयालम फिल्म ‘मुरप्पेण्णु’ से की थी और फिर उन्होंने फिल्म निर्देशन में कदम रखा. उन्होंने ‘निर्माल्यम’ जैसी फिल्में बनाई, जिसे बेस्ट फीचर फिल्म कैटगरी में नेशनल अवॉर्ड मिला था. इसके बाद उन्होंने ‘बंधनम’ और ‘कडव’ जैसी फिल्मों का निर्देशन किया.

Tags: Entertainment news., South cinema

FIRST PUBLISHED : December 26, 2024, 08:17 IST

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