सिविल दावे में शपथ पत्र में हुई टाइपिंग मिस्टेक को सुधार करने को लेकर हाई कोर्ट ने दी राहत।

निराला समाज@जयपुर।वादी की जगह प्रतिवादी लिख दिया, अधिवक्ता ने पैरवी कर टाईपिंग मिस्टेक को कराया दुरस्त।

अधिवक्ता मोहित बलवदा ने बताया की मामला रामगढ़ फतेहपुर का है जिसमें जिला न्यायालय में एक सिविल वाद प्रभादेवी बनाम माधवी कौशिक चल रहा था जिसमें प्रतिवादी माधवी कौशिक द्वारा जवाब में शपथ पत्र पेश किया गया। और इसमें टाइपिंग मिस्टेक के चलते प्रतिवादी की जगह वादी के कब्जे की अधिकार की संपत्ति लिखा गया और अर्थ का अनर्थ निकल गया इस टाइपिंग मिस्टेक को सुधारने के लिए माधवी कोशिक ने अपर न्यायालय फतेहपुर शेखावाटी के सामने आदेश 6 नियम 17 सहपठित धारा 151 सीपीसी के तहत प्रार्थना पत्र दाखिल किया लेकिन अपर न्यायालय ने इसे अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर होने की वजह से खारिज कर दिया। इस पर प्रार्थीया ने अधिवक्ता मोहित बलवदा के जरिए हाईकोर्ट की शरण ली ।प्रार्थीया की ओर से अधिवक्ता मोहित बलवदा, अधिवक्ता ईशान मिश्रा और अधिवक्ता आशा शर्मा ने पैरवी की। हाई कोर्ट के जज संजीव प्रकाश शर्मा के सामने अधिवक्ता मोहित बलवदा ने कहा आदेश 6 नियम 17 सहपाठी धारा 151 सीपीसी में हाई कोर्ट के पास ऐसी त्रुटियों को सुधारने की पावर है इस पर माननीय उच्चतम न्यायालय व माननीय उच्च न्यायालय के कई फैसले है जिसमे प्रार्थी को राहत देते हुए आदेश पारित किए जा चुके है।
अधिवक्ता मोहित बलवदा ने बताया की जज संजीव प्रकाश शर्मा ने प्रार्थीया को राहत देते हुए कहा की प्रार्थिया अपना शपथ पत्र वापस लेकर टाइपिंग मिस्टेक को सुधार कर नया शपथ पत्र निचली अदालत में पेश करें।