वीकेंड में खाटू श्याम के अलावा इन 4 मंदिरों के करें दर्शन, सभी मुरादे होंगी पूरी – हिंदी

Last Updated:May 15, 2025, 22:20 IST
Khatu Shyam Mandir: क्या वीकेंड में खाटू श्याम जाने का प्लान कर रहे हैं? अगर हां तो सीकर में बाबा श्याम के अलावा 4 ऐसे और मंदिर हैं, जहां जानें से भक्तों की हर मुराद पूरी हो जाती है.
वीकेंड के समय पूरे परिवार के साथ अगर देव दर्शन करने की प्लानिंग बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए है. क्योंकि, आज हम आपको सीकर जिले में स्थित पांच प्रमुख मंदिरों के बारे में बताएंगे जो, बेहद चमत्कारी है. इन मंदिरों राजस्थान सहित पूरे देश से श्रद्धालु आते हैं. इन मंदिरों को लेकर मानता है कि जो भी भक्त यहां आकर पूजा अर्चना करता है उसकी मनोकामना पूरी हो जाती है.
<strong>1. खाटूश्यामजी मंदिरः</strong> यह मंदिर सीकर जिले के खाटूश्याम जी कस्बे में मौजूद है. यहां पर बाबा श्याम का मंदिर मौजूद है. यह मंदिर हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है. यहअंदर सैकड़ो साल पुराना है और यहा प्रतिदिन हज़ारों लाखों भक्त दर्शन के लिए आते हैं. यहां फाल्गुन माह में होने वाला “खाटूश्यामजी मेला” बेहद प्रसिद्ध है, जिसमें देशभर से श्रद्धालु आते हैं. मंदिर के प्रसाद के रूप में चूरमा और मिश्री का भोग लगाया जाता है. खाटूश्याम जी की कथा महाभारत से जुड़ी है, जिसके कारण यह स्थान और भी पवित्र माना जाता है.
<strong>2. जीणमाता मंदिरः</strong> यह मंदिर सीकर जिला मुख्यालय से लगभग 30 किमी दूर अरावली पहाड़ियों पर स्थित है. यह मंदिर देश प्रसिद्ध सिद्ध पीठ मंदिरों में से एक है. यह मंदिर देवी जीणमाता को समर्पित है, जिन्हें दुर्गा का अवतार माना जाता है. नवरात्रि के समय यहां लाखों श्रद्धालु आते हैं और मेला लगता है. मंदिर के आसपास का प्राकृतिक नज़ारा और शांत वातावरण इसे आध्यात्मिक और पर्यटन दोनों दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाता है. जीणमाता मंदिर में मुगल बादशाह औरंगजेब ने भी धोक लगाई थी.
<strong>3. रघुनाथजी मंदिरः</strong> यह मंदिर सीकर शहर के बीचोंबीच स्थित एक प्राचीन और भव्य मंदिर है, जो भगवान राम को समर्पित है. इस मंदिर का निर्माण शेखावाटी क्षेत्र के राजाओं ने करवाया था और यह राजपूत वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है. मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तिया स्थापित हैं. मंदिर परिसर में हनुमानजी और शिवजी के छोटे मंदिर भी हैं. रामनवमी और दीपावली के अवसर पर यहां विशेष पूजा-अर्चना होती है और भक्तों की भीड़ उमड़ती है. मंदिर की शांत और पवित्र वातावरण भक्तों को आंतरिक शांति प्रदान करता है.
<strong>4. गोपीनाथजी मंदिरः</strong> यह मंदिर सीकर के प्रसिद्ध कृष्ण मंदिरों में से एक है, जो भगवान कृष्ण और राधा को समर्पित है. यह मंदिर भी सीकर शहर के मध्य में स्थित है और इसकी स्थापना 19वीं शताब्दी में हुई थी. मंदिर की वास्तुकला में राजस्थानी और ब्रज संस्कृति की झलक मिलती है. यहां प्रतिदिन भजन-कीर्तन और शाम को आरती का आयोजन होता है. जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिर को फूलों और रोशनी से सजाया जाता है और भव्य झाकियां निकाली जाती है.
5. हर्षनाथ मंदिरः यह मंदिर सीकर जिला मुख्यालय से लगभग 14 किमी दूर हर्षगिरि पहाड़ी पर स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर है. यह भगवान शिव के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है. इस मंदिर का शिखर अत्यंत भव्य है, जिस पर उत्कृष्ट नक्काशी देखने को मिलती है. यहा स्थित शिवलिंग को “हर्षनाथ महादेव” के नाम से पूजा जाता है. मंदिर तक पहुचने के लिए पहाड़ी पर चढ़ना पड़ता है. मान्यता है कि इस मंदिर में सच्चे मन से की गई प्रार्थना भगवान शिव द्वारा अवश्य सुनी जाती है.
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