सार्थक मानव कुष्ठाश्रम में मनाया गया “परम आनंद दिवस”

निराला समाज टीम जयपुर।

सार्थक मानव कुष्ठ आश्रम गलता मैं संस्थापक थियो कोसी मुकली के निर्वाण दिवस परम आनंद दिवस को श्रद्धांजलि भजन संध्या आयोजित कर मनाया गया।
सुप्रसिद्ध भजन गायक नवल डांगी ने कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से की।उसके बाद उन्होंने जानकी नाथ सहाय तब कौन बिगाड करें और इतनी शक्ति हमें दे ना दाता, मां का विश्वास कमजोर हो ना साथ ही सुप्रसिद्ध भजन ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन सुना कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया ।
इनके साथ तबले पर देवेंद्र कुमार और गिटार पर पवन बालोदिया और मजीरे पर विनोद शर्मा ने असरदार संगत की ।
इस भक्ति संध्या में कलाकार ईश्वर दत्त माथुर, गुरमिंदर सिंह पूरी रोमी और मनोज स्वामी ने अपने भजनों से लोगों को आनंदित किया ।
“लेबेन ओहने निर्माण दिवस को लेप्रा” जिसका अर्थ है “कुष्ठ रहित जीवन”, जिसका उद्देश्य समाज से, विशेषकर भारत से कुष्ठ रोग को पूरी तरह से समाप्त करना है। इस अवसर विभिन्न कुष्ठाश्रमों के कुष्ठ प्रभावित व्यक्ति, उनके परिजन, अन्य श्रेणी के दिव्यांगजन, वृद्धजन, कला जगत के प्रसिद्ध लोक कलाकार, शहर के गणमान्य व्यक्ति एवं संस्था के कार्यकर्त्ता उपस्थित थे ।
इस अवसर पर संस्था अध्यक्ष सुरेश कौल ने अपने संस्मरण साझा करते हुए कहते हैं कि “करीब 35 वर्ष पूर्व थिया कोसे मुकलि अपनी सहेलियों के साथ सार्थक मानव कुष्ठ आश्रम आई थीं, उसके बाद गलता आश्रम हमेशा-हमेशा के लिए उनकी आत्मा में बस गया। वे ऐसी विद्वान, धर्मपरायण, कुष्ठ एवं विकलांगों की सच्ची हितैषी, मृदुभाषी, निर्मल हृदय, सेवाभावी व्यक्तित्व वाली वे सही मायनों में आश्रम के लोगों की मां थीं।”
कार्यक्रम का संचालन रंगकर्मी अनिल मारवाड़ी ने किया और
मुकेश शर्मा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।