Marriage Garden, Banquet Hall, Pollution Control – 12 हजार से ज्यादा विवाह स्थल-बैंक्वेट हॉल पर अब प्रदूषण ‘नियंत्रण’

विवाह स्थलों और बैंक्वेट हॉल संचालकों को अब प्रदूषण नियंत्रण के 8 बिन्दुओं की करनी होगी पालना
भवनेश गुप्ता
जयपुर। राज्य के 12 हजार से ज्यादा विवाह स्थल और बैंक्वेट हॉल (पंजीकृत व अपंजीकृत दोनों) संचालकों को प्रदूषण नियंत्रण का पूरा इंतजाम करना ही होगा। स्थानीय निकायों दायरे में आने वाले ऐसे विवाह स्थलों पर अब प्रदूषण नियंत्रण मण्डल ने भी शिकंजा कस दिया है। होटल, रेस्टोरेंट के लिए प्रभावी गाइडलाइन में विवाह स्थल और बैंक्वेट हॉल को भी शामिल कर लिया गया है। संचालकों को वेस्ट वाटर, ठोस अपशिष्ट, ध्वनि व वायु प्रदूषण, ऊर्जा संरक्षण के मानकों की सख्ती से पालना करना अनिवार्य कर दिया है। पालना नहीं करने पर भी संचालन की अनुमति निरस्त हो सकेगी। इसमें जयपुर, जोधपुर, अलवर, कोटा व उदयपुर पर ज्यादा फोकस रहेगा।
प्रदूषण नियंत्रण के इन 8 चरण की करनी होगी पालना..
1. अपशिष्ट- अपशिष्ट में से तेल एवं ग्रीस (चिकनाई) को अलग करने के लिए वैज्ञानिक तरीके से आॅयल व ग्रीस ट्रेप का निर्माण करना होगा।
2. वायु प्रदूषण- खाना बनाने, पकाने में स्वच्छ ईंधन (पीएनजी, सीएनजी, एलपीजी) का ही उपयोग। जनरेटर सेट और बॉयलर में केवल क्लीनर फ्यूल का ही इस्तेमाल की अनुमति होगी। परिसर में केवल एकॉस्टिक एनक्लोजर एवं पर्याप्त ऊंचाई की चिमनी के जनरेट सेट लगाए जाएंगे।
3. ध्वनि प्रदूषण- लाउडस्पीकर, डीजे, आतिशबाजी पर नियंत्रण ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम 2020 के प्रावधान की पालना।
4. भूजल दोहन- बोरवेल पर वाटर मीटर लगाकर लॉगबुक की व्यवस्था। जहां भूजल दोहन 10 किलोलीटर प्रतिदिन या इससे अधिक है, वहां केन्द्रीय भूजल प्राधिकरण से स्वीकृति लेनी ही होगी।
5. जल संरक्षण- जहां भूजल दोहन कर रहे हैं वहां अनिवार्य रूप से वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाना। वेस्ट वाटर को परिशोधित कर पुन: उपयोग में लेना।
6. ऊर्जा संरक्षण- डीजल जनरेटर सेट की बजाय इनवर्टर उपयोग को प्रोत्साहन करना। एलईडी ब्लब,ट्यूबलाइट का ही उपयोग हो।
7. ठोस कचरा प्रबंधन- 100 किलो प्रतिदिन से अधिक कचरा उत्पन्न करने पर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नियम की पालना अनिवार्य। बायोडीग्रेडेबल कचरे से जैविक खाद बनाना।
8. प्लास्टिक वेस्ट- प्लास्टिक वेस्ट निस्तारण की व्यवस्था प्लास्टिक वेस्ट (प्रबंधन) नियम कर पालना।
नए और मौजूदा विवाह स्थलोंं के लिए
नए विवाह स्थल- अनुमति आवेदन में प्रदूषण स्त्रोत व उसके निवारण की फिजिबिलिटी रिपोर्ट, जमीन आवंटन—रूपांतरण या स्वामित्व का स्थानीय निकाय का अनापत्ति प्रमाण पत्र, भूजल दोहन का अनुमति पत्र सहित अन्य दस्तावेज देने होंगे।
लगातार संचालन के लिए- आॅनलाइन आवेदन के साथ ही प्रोजेक्ट में हुए निवेश का सीए से प्रमाणित पत्र, पूर्व में जारी अनुमति पत्र की प्रति के अलावा संबंधित विभागों से आवश्यक एनओसी।
ग्रीन व ओरेंज श्रेणी में बांटा
1. ग्रीन श्रेणी-
-2500 वर्गमीटर तक क्षेत्रफल पर बने विवाह स्थल, बैंक्वेट हॉल
-लागत 5 करोड़ से कम है
-15 साल तक संचालन की अनुमति
2. ओरेंज श्रेणी-
-2500 वर्गमीटर से ज्यादा क्षेत्रफल पर संचालित विवाह स्थल, बैंक्वेट हॉल
-लागत 5 करोड़ से ज्यादा है
-10 साल तक संचालन की अनुमति
(प्रति वर्ष नवीनीकरण कराना होगा)
-प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए विवाह स्थल और बैंक्वेट हॉल को भी गाइडलाइन के दायरे में लाया गया है। मकसद केवल प्रदूषण नियंत्रण है। संचालकों को अनुमति के साथ पालना करनी होगी।
-वी.के. सिंघल, मुख्य अभियंता, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मण्डल