Rajasthan

MBM University Jodhpur Bill 2021 Passed In Vidhan Sabha – एमबीएम विश्वविद्यालय जोधपुर विधेयक 2021 ध्वनि मत से पारित, राठौड़-देवनानी ने मंत्री को घेरा

-भाजपा विधायकों ने जोधपुर में छठा विश्वविद्यालय खोले जाने को लेकर उठाए सवाल, जोधपुर तकनीकी महाविद्यालय को किया गया है विश्वविद्यालय में क्रमोन्नत

जयपुर। राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को एमबीएम विश्वविद्यालय जोधपुर विधेयक 2021 चर्चा के बाद ध्वनि मत से पारित हो गया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही शनिवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। शनिवार सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होगी।

हालांकि माना जा रहा है कि शनिवार को सदन की कार्यवाही का अंतिम दिन हो सकता है। इससे पहले एमबीएम विश्वविद्यालय जोधपुर विधेयक 2021 पर चर्चा के दौरान विपक्षी विधायकों ने एमबीएम विश्वविद्यालय जोधपुर को लेकर सवाल खड़े करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी को घेरा और इसे 6 माह के लिए जनमत जानने के लिए भेजे जाने की मांग की, जिस पर उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि एमबीएम विश्वविद्यालय से मारवाड़ में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एक और विकल्प मिलेगा और वहां की जरूरतें पूरी होंगी।

भाटी ने यह भी कहा कि आजादी के बाद प्रदेश में 26 सरकारी विश्वविद्यालय खुले हैं जिनमें से 21 सरकारी विश्वविद्यालय कांग्रेस सरकारों के शासनकाल में बनाए गए हैं, जबकि 5 विश्वविद्यालय भाजपा सरकारों के कार्यकाल में स्थापित किए गए हैं।

उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के कार्यकाल में 81 नए कॉलेज खोले जाने की घोषणा हुई थी लेकिन गहलोत सरकार ने अपने 3 साल से भी कम के कार्यकाल में ही 123 नए सरकारी कॉलेज खोल दिए हैं।

राठौड़-देवनानी ने मंत्री को घेरा
इससे पहले चर्चा के दौरान उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी को घेरा। उप नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चाहते हैं कि जोधपुर विश्वविद्यालयों का शहर बन जाए लेकिन रिफाइनरी बाड़मेर में लग रही है, उसकी पढ़ाई के लिए विश्वविद्यालय जोधपुर में लाया गया है।

उन्होंने कहा कि जोधपुर में पहले से ही 5 विश्वविद्यालय हैं और अब छठा विश्वविद्यालय भी जोधपुर में ही हो गया है। वासुदेव देवनानी ने कहा कि उच्च शिक्षा मंत्री मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को खुश करने और अपना पद बचाने के लिए इस विधेयक को लेकर आए हैं। देवनानी ने सरकार से इस विधेयक 6 माह के लिए जनमत जानने के लिए भी भेजने की मांग की। हालांकि आसन ने जनमत जानने की मांग को अस्वीकार कर दिया, जिसके बाद सदन में विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया।





Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj