भरतपुर में हुआ चमत्कार! पश्चिम बंगाल की लापता महिला को मिला अपना परिवार, आश्रम में उमड़ा भावनाओं का सैलाब

Last Updated:October 20, 2025, 21:56 IST
Bharatpur News: पिंकी खंडेलवाल का अपना घर आश्रम भरतपुर में पति गोपाल खंडेलवाल से भावुक पुनर्मिलन हुआ. आश्रम ने उपचार और पुनर्वास कर मानवता की मिसाल पेश की.
भरतपुर. अपना घर आश्रम में उस समय भावुक दृश्य देखने को मिला जब छह माह से बिछड़ी पश्चिम बंगाल की एक महिला का अपने परिवार से पुनर्मिलन हुआ. पश्चिम बंगाल के रानीगंज जिले की रहने वाली पिंकी खंडेलवाल का अपने पति गोपाल खंडेलवाल से मिलन आश्रम परिसर में हुआ. इस दौरान वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गईं. पिंकी मानसिक रूप से कमजोर होने के कारण मई 2025 में अपने घर से लापता हो गई थीं.
परिजनों ने उनकी तलाश में कोई कसर नहीं छोड़ी. स्थानीय थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई और सोशल मीडिया के माध्यम से भी खोज जारी रखी, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिला. कुछ समय बाद पिंकी उत्तर प्रदेश के शामली क्षेत्र में भटकती हुई अवस्था में मिलीं, जहां से सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उन्हें भरतपुर स्थित अपना घर आश्रम में उपचार हेतु भर्ती कराया. यहां उन्हें चिकित्सकीय देखरेख और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की टीम द्वारा निरंतर उपचार दिया गया.धीरे-धीरे लौट आई याददाश्त
कुछ माह के उपचार और परामर्श के बाद पिंकी की स्थिति में काफी सुधार हुआ. जब उन्होंने धीरे-धीरे अपनी याददाश्त वापस पाई, तो अपने घर और परिवार से जुड़ी जानकारियां साझा कीं. आश्रम की पुनर्वास टीम ने तुरंत इस सूचना पर कार्रवाई की और पश्चिम बंगाल के रानीगंज में उनके परिजनों से संपर्क साधा. सूचना मिलते ही पति गोपाल खंडेलवाल और पिंकी की बहन पूजा भरतपुर पहुंचे.
पति को देखते ही फफक कर रोने लगी पिंकीजैसे ही पति-पत्नी की मुलाकात हुई, माहौल भावनाओं से भर गया. पिंकी ने अपने पति को देखा तो फफक कर रो पड़ीं, वहीं पति गोपाल ने भी पत्नी को गले लगाकर आंखों से खुशी के आंसू बहाए. इस दृश्य को देखकर आश्रम में मौजूद स्टाफ और अन्य निवासी भी भावुक हो उठे. पति गोपाल ने कहा कि पत्नी के मिलने से दीपावली की खुशियां दोगुनी हो गई हैं. अपना घर आश्रम ने हमें एक अनमोल तोहफा दिया है, जिसके लिए हम जीवनभर आभारी रहेंगे.
मानवता की मिसाल बना पुनर्मिलन
पुनर्वास प्रक्रिया पूरी होने के बाद आश्रम प्रशासन ने सभी औपचारिकताएं पूरी कर पिंकी को उनके पति के सुपुर्द कर दिया. गोपाल अपनी पत्नी को अपने साथ महाराष्ट्र लेकर चले गए. भरतपुर का अपना घर आश्रम लगातार ऐसे ही जरूरतमंद और असहाय लोगों को नया जीवन देने का कार्य कर रहा है. यह पुनर्मिलन आश्रम के समर्पण और मानवता की एक सुंदर मिसाल बन गया है.
Anand Pandey
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल… और पढ़ें
Location :
Bharatpur,Rajasthan
First Published :
October 20, 2025, 21:56 IST
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भरतपुर में हुआ चमत्कार… बंगाल की लापता महिला को मिला अपना परिवार! जानें