Moong dal is a low calorie super food helps in detoxifying the body Regular consumption keeps immune system strong

जयपुर. राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में मूंग का उपयोग अनेक प्रकार के खाद्य पदार्थ बनाने में किया जाता है. मूंग एक प्रकार की दाल है और यह पौष्टिक होने के साथ स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होती है. पीली मूंग दाल को सूप, खिचड़ी, या दाल के रूप में पकाया जाता है. आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि मूंग को पानी में भिंगोकर अंकुरित किया जाता है और सलाद या नाश्ते के रूप में खाया जाता है. वहीं हरी मूंग दाल का उपयोग सूप, सब्जी, या करी में किया जाता है. इसके अलावा मूंग का सेवन दाल, चिल्ला, डोसा, सलाद या हलवा के रूप में भी किया जाता है. पारंपरिक चिकित्सा में मूंग का उपयोग शरीर को डिटॉक्स करने के लिए भी किया जाता है.
मूंग खाने के हैं ढेरों फायदे
आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि आयुर्वेद में मूंग को अत्यधिक गुणकारी और संतुलित भोजन माना गया है. इसे त्रिदोषनाशक कहा जाता है, क्योंकि यह वात, पित्त और कफ तीनों को संतुलित करता है. मूंग दाल पचने में हल्की होती है, जिससे यह कमजोर पाचन शक्ति वाले व्यक्तियों के लिए आदर्श है. गैस, अपच और पेट की सूजन को कम करती है. वहीं पाचन अग्नि (डाइजेस्टिव फायर) को बढ़ाने में मदद करती है. मूंग शरीर से विषाक्त पदार्थ (टॉक्सिन्स) को बाहर निकालने में मदद करता है. यह शरीर को ठंडक प्रदान करती है और त्वचा के रोगों को ठीक करने में सहायक है. इसके अलावा मूंग में प्रोटीन और फाइबर अधिक मात्रा में होते हैं, जो भूख को नियंत्रित करते हैं और वजन प्रबंधन में मदद करते हैं. यह कम कैलोरी वाला सुपरफूड है.
हड्डियों और मांसपेशियों के लिए लाभकारी है मूंग
मूंग में कैल्शियम, मैग्नीशियम और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं. डॉक्टर ने बताया कि मांसपेशियों की रिकवरी और ऊर्जा बढ़ाने के लिए उपयोगी है. मूंग का नियमित सेवन इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में फ्री रैडिकल्स को कम करते हैं और बीमारियों से बचाते हैं. मूंग का सेवन रक्त शुद्ध करता है और त्वचा पर चमक लाने में मदद करता है. यह त्वचा रोगों (जैसे एक्जिमा और पित्ती) के उपचार में सहायक है. वहीं इसमें फोलिक एसिड, आयरन और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो गर्भवती महिलाओं और गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए जरूरी है. मूंग रक्तचाप को नियंत्रित करती है और कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करती है. यह हृदय रोगों से बचाव करती है. डॉक्टर ने बताया कि मूंग वात और पित्त को शांत करती है. यह कफ को भी नियंत्रित करती है, जिससे गले और फेफड़ों से संबंधित समस्याएं कम होती है.
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FIRST PUBLISHED : December 16, 2024, 21:38 IST
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