More than 16500 kg almond halwa offered to Karni Mata Temple

Last Updated:April 04, 2025, 12:59 IST
बीकानेर इतिहास में यह पहली बार है कि करणी माता जी को बादाम के हलवा का भोग लगाया गया. बीकानेर के एक प्रसिद्ध समाजसेवी ने ये स्पेशल भोग माता को चढ़ाया है.X
देशनोक करणी माता के बादाम के हलवा का भोग लगाया गया
हाइलाइट्स
करणी माता को 16500 किलो बादाम का हलवा का भोग लगाया गया.हलवा बनाने में 6600 किलो बादाम, 5 टन घी, 4700 किलो चीनी का उपयोग हुआ.यह भोग गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया.
बीकानेर:- बीकानेर में पहली बार देशनोक करणी माता के बादाम के हलवा का भोग लगाया गया. यह एक या दो किलो नहीं, बल्कि 16500 किलो बादाम के हलवा का भोग लगाया गया, जिसे गिनीज बुक रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है. बीकानेर इतिहास में यह पहली बार है कि करणी माता जी को बादाम के हलवा का भोग लगाया गया. बीकानेर के प्रसिद्ध समाजसेवी नोखा के मूलवास गांव के निवासी ब्रह्मलीन गौसेवी संत पदमाराम कुलरिया के पुत्र कानाराम, शंकर और धर्मचंद कुलरिया द्वारा बादाम का हलवा बनवाया. यह हलवा मंदिर परिसर में सावन भादो कड़ाई में बनाया गया.
हलवा बनाने में लगा ये सामानपदमाराम कुलरिया के पुत्र शंकर कुलरिया ने लोकल 18 को बताया कि बादाम का हलवा बनाने का काम दो माह पहले शुरू हो गया था. इसमें कई कारीगर लगे हुए थे. इस बादाम के हलवे को बनाने में करीब 6600 किलो बादाम, 5 टन शुद्ध देशी घी, 175 ग्राम कश्मीरी केसर, 4700 किलो चीनी, 75 किलो ईलायची, 125 किलो पिस्ता, पुष्प का इस्तेमाल किया गया है. इस बादाम के हलवे को भक्तों को वितरित किया गया. इसके अलावा आसपास के गांव के लोगों को भी यह प्रसाद वितरित किया गया.
भक्त अपनी श्रद्धा से लगाते हैं भोगशंकर कुलरिया Local 18 को आगे बताते हैं कि देशनोक करणी माता मंदिर में नवरात्र पर विशेष रूप से सावन-भादवा कड़ाही प्रसाद का आयोजन किया जाता है. यह भामाशाह और श्रद्धालु भक्त अपनी श्रद्धा से बनवाते हैं. मान्यता है कि सर्वप्रथम महाराजा गंगा सिंह ने विशाल कड़ाही बनवाई थी. इस कढ़ाई का वजन 300 किलो से अधिक है. इसमें माता को हलवा बनाकर भोग लगाया जाता है और फिर भक्तों में वितरित किया जाता है. इस कड़ाही का प्रसाद वितरण संपूर्ण देशनोक सहित मंदिर में आने वाले भक्तों में वितरित किया जाता है.
25 हजार चूहों वाली माता का मंदिरबीकानेर से 35 किलोमीटर दूर देशनोक स्थित करणी माता का मंदिर है, जिसे चूहे वाली माता का नाम से जाना जाता है. इस मंदिर में 25 हजार से अधिक चूहे रहते हैं. यहां चूहों को काबा कहा जाता है. इस मंदिर में सफेद चूहा दिखने पर काफी शुभ माना जाता है.
Location :
Bikaner,Rajasthan
First Published :
April 04, 2025, 12:59 IST
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करणी माता को लगा इतने हजार किलो बादाम के हलवे का भोग, देखने वाले रह गए दंग!