निराला समाज टीम जयपुर।
श्री मोती डूंगरी गणेशजी मंदिर पर चल रहे 9 दिवसीय गणेश जन्मोत्सव का रविवार को समापन होगा। उत्सव के समापन पर मोती डूंगरी श्रीगणेशजी शाही लवाजमे के साथ नगर भ्रमण पर निकलेंगे। शोभायात्रा दोपहर 3 बजे मोती डूंगरी गणेश मंदिर से गढ़ गणेश मन्दिर तक निकाली जाएगी। यह यात्रा शहर के प्रमुख बाजारों से होकर निकलेगी। इस दौरान शहर के कई रास्तों पर ट्रैफिक डायवर्ट रहेगा। यात्रा सांगानेरी गेट, जौहरी बाजार, बड़ी चौपड़, त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़, गणगौरी बाजार, ब्रह्मपुरी होते हुए गढ़ गणेश मन्दिर पहुंचकर विसर्जित होगी।
मोती डूंगरी श्रीगणेश मंदिर शोभायात्रा समिति के संयोजक प्रताप भानु सिंह शेखावत ने बताया- मंदिर श्री मोती डूंगरी गणेशजी से यह 37वीं शोभायात्रा निकाली जा रही है। शोभायात्रा में मुख्य आकर्षण का केंद्र गणेशजी का रथ रहेगा। इसे तीन महीने में तैयार किया गया है। शाम 5 बजे मंदिर के बाहर मुख्य रथ पर श्रीगणेश जी की आरती होगी। महाआरती मंदिर महंत कैलाश शर्मा के सान्निध्य में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और संघ के क्षेत्र संघ चालक रमेश अग्रवाल करेंगे।
14 फीट के रथ में स्वर्ण मंडित चित्र विराजमान किए जाएंगे
शोभायात्रा में 38 झांकिया होंगी शामिल
संयोजक प्रताप भानु सिंह शेखावत ने बताया- शोभायात्रा में 38 प्रमुख झांकियां शामिल होंगी। इसमें मंदिर श्री मोती डूंगरी गणेश जी की भी झांकी होगी। छोटी बड़ी मिलाकर कुल 90 झांकी होगी, जिनमें 30 इलेक्ट्रिक झांकी रहेंगी। इसके साथ अन्य समाज और संस्थाओं की 9 झांकियां भी शामिल होगी। 8 व्यायामशालाओं के युवा करतब दिखाएंगे। झांकी में सबसे आगे लाल बाग के राजा ढोल-ताशों की टोली चलेगी। सबसे पीछे श्रीगणेशजी का रथ चलेगा। जिस पर मोती डूंगरी गणेशजी कl सोने वाला चित्र विराजमान होगा। शोभायात्रा में हाथी, ऊंट, घोड़ों के साथ शहर के प्रमुख बैंड अपनी प्रस्तुति देते चलेंगे। इसमें जिया बैंड, विष्णु बैंड, सुन्दर बैंड, दि शंकर बैंड, किशोर बैंड अपनी अपनी प्रस्तुतियां देंगे।
बड़ी झांकिया
देवताओं व राक्षसों द्वारा समुद्र मंथन की झांकी, मोती डूंगरी गणेश मंदिर में नव दंपती को आशीर्वाद देते हुए गणेश जी, शिव परिवार अपनी अपनी सवारी के साथ, खेलते हुए गणेश व कार्तिकेय जी के पीछे भागती हुई माता पार्वती, सृष्टि रचना के दौरान विघ्न आने पर ब्रह्मा जी द्वारा वट वृक्ष पर बैठे गणेश जी का ध्यान, क्रोधित गणेश जी यमराज को परास्त करते हुए और वाद्ययंत्र बजाते गणपति की झांकियां रहेंगी।
छोटी झांकिया
चार चूहों के रथ पर सवार गणेश जी, बैलगाड़ी पर गणेश जी द्वारा शिव पार्वती जी को नगर भ्रमण कराते हुए, केदारनाथ धाम पर कावड़ ले जाते हुए, गणेशजी व कार्तिकेय जी, विशाल नन्दी पर सवार शिवजी, शिव जी की हथेली पर गणेश जी, विशाल कछुआ पर विराजमान गणेश जी, रिद्धि-सिद्धि के साथ गणेश जी के फेरे, गणेश जी का तांडव नृत्य, बतख पर सवार कार्तिकेय जी, राज प्राप्ति पर दक्षराज को गणेश जी का आशीर्वाद व गहन हाथी द्वारा गले में माला डालते हुए, गणेशजी के तुन्दिल शरीर का उपहास करने पर गणेश जी द्वारा चन्द्रमा को श्राप, कलयुग के घोड़े पर सवार गणेश जी। विशाल डमरू पर नृत्य करते गणेश जी, शेष शैया पर गणपति का सीप में से प्राकट्य, मोर पर विराजमान गणेश जी सितार वादन, सिंहासन पर विराजमान गणेश जी व रिद्धि-सिद्धि स्तुति, विशाल शेर पर सवार गणेश जी नगर भ्रमण पर, पांच घोड़ों के रथ पर सवार गणेश जी।
शोभायात्रा मोती डूंगरी गणेश मंदिर से शुरू होकर रात 12 बजे ब्रह्मपुरी गढ़ गणेश मंदिर जाकर समाप्त होगी