Mount abu’s famous rabadi is favorite of tourist and travellers – News18 हिंदी

सिरोही/दर्शन शर्मा. राजस्थान के प्रसिद्ध हिल स्टेशन माउंट आबू घूमने आए या फिर ट्रेन में सफर के दौरान आबू रोड रेलवे स्टेशन पर रुके तो सबसे पहले मन मे आबू की रबड़ी का ख्याल आता है. यहां की रबड़ी का नाम सुनते ही इसकी मिठास व लच्छेदार बनावट दिमाग में आती है. अपनी रेसिपी व स्वाद के लिए जानी जाने वाली आबू की रबड़ी की डिमांड लगातार बढ़ रही है. शुद्ध दूध में बनने वाली ये मिठाई रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड के अलावा माउंट आबू, माउंट रोड, नेशनल हाईवे समेत शहर के मुख्य बाजार में करीब 100 से अधिक दुकानों पर बिक रही है. जहां प्रतिदिन करीब 900- 1000 किलो के आसपास रबड़ी बिकती है. यहां की रबड़ी का टर्नओवर करोड़ो में है.
आबू रबड़ी का इतिहास करीब 1968 से है. आबूरोड की सबसे फेमस और पुरानी रबड़ी की दुकानों में से एक सांवलभाई रबड़ी किंग दुकान के मालिक मुरली भम्भाणी बताते है कि उनके पिता ने 1968 रबड़ी की दुकान शुरू की थी, जो इतनी फेमस हुई कि अब उनकी 3 ब्रांच हैं. धीरे-धीरे लोगों को यहां की रबड़ी का स्वाद इस कदर पसंद आया कि यहां की रबड़ी देशभर में फेमस हो गई. रबड़ी की डिमांड बढ़ने के बाद स्थानीय कारिगरों ने भी इसकी रेसिपी सीखकर कामकाज शुरू किया. शहर में करीब 70 दुकानों व रेस्टोरेंट में रबड़ी की बिक्री होती है. वहीं, माउंट आबू व तलहटी में भी उनकी दुकानें हैं. इसकी सबसे ज्यादा डिमांड रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड पर है.
ये है रबड़ी बनाने की रेसिपी
रबड़ी तैयार करने के लिए फेट वाले दूध उपयोग किया जाता है, ताकि रबड़ी की मलाई ज्यादा बनें. सबसे पहले दूध को एक बड़ी कढ़ाई में लेकर हल्की आंच पर बत्ती पर पकाया जाता है. दूध के उपबलते समय ऊपर बनने वाली मलाई को चम्मच से कढ़ाई के किनारों पर लगाया जाता है. जब दूध एक चौथाई के करीब बचता है. तब उसमें शक्कर डाली जाती है. करीब 10 लीटर मलाई निकालने के बाद 2.50 लीटर के करीब दूध बचता है. इसमें 350-400 ग्राम स्वाद के मुताबिक शक्कर डाली जाती है. इसके बाद किनारों से मलाई को दूध में फेंट कर अच्छी तरीके से मिक्स किया जाता है. इसके बाद इसमें स्वाद बढ़ाने के लिए इलायची, पिस्ता व केसर का इस्तेमाल भी किया जा सकता है.
450 रुपए किलो तक बिकती है रबड़ी
यहां तैयार होने वाली रबड़ी क्वालिटी के अनुसार 250 से 450 रुपए प्रति किलोग्राम तक बिकती है. इसके लिए पैकेज्ड दूध या आसपास के गांवों से लाया गया दूध भी उपयोग किया जाता है. रबड़ी के इस कारोबार से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से सैकड़ों परिवारों का रोजगार जुड़ा हुआ है. पर्यटकों के अलावा त्योहारों व शादी समारोह में भी रबड़ी की डिमांड रहती है.
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FIRST PUBLISHED : April 17, 2024, 17:15 IST