पीएम मोदी की लक्षद्वीप में स्नॉर्कलिंग से हिल गए मुइज्जू, भारत के 3 शहरों में फैलाएंगे हाथ ताकि…

आपको वो तस्वीर याद होगी, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लक्षद्वीप में स्नॉर्कलिंग करते नजर आए थे. समुद्र तट के किनारे शांति में कुछ पल बिताए थे. लेकिन ये शांति मालदीव के साथ रिश्तों में बवंडर लेकर आई. इस तस्वीर से मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु बुरी तरह हिल गए. चीन के साथ दोस्ती की बात करने वाले मुइज्जू को एक पल को समझ ही नहीं आया कि आखिर ये क्या हो गया. क्योंकि अचानक भारत में मालदीव के खिलाफ आवाजें उठने लगीं. जो मालदीव भारतीय पर्यटकों के पैसों पर पल रहा था, उसकी सांसें उखड़ने लगीं. जब मुइज्जू को समझ आई, तो भागते हुए फिर भारत आए. और अब 3 शहरों में हाथ फैलाने जा रहे हैं ताकि उनकी अर्थव्यवस्था किसी तरह बच सके.
पीएम मोदी की उस तस्वीर के वायरल होने के बाद मालदीव में भारतीय पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है. करीब 41 फीसदी पर्यटक कम हो गए हैं. राष्ट्रपति मुइज्जू को इसका अंदाजा है. इसलिए उनकी इस यात्रा का मकसद भारत से मालदीव के पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के अलावा भारत के साथ संबंधों को बेहतर करना भी है.
इन शहरों में जाकर फैलाएंगे हाथभारतीय पर्यटकों की संख्या को बढ़ाने के लिए ही मुइज्जु दिल्ली के अलावा मुंबई और बैंगलोर में भी कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे ताकि मालदीव को लेकर एक संदेश जाए और भारतीय पर्यटक एक बार फिर मालदीव की तरफ रुख करें. हाल के महीनों में मालदीव सरकार ने दिल्ली, मुंबई और बैगलोर में कई कार्यक्रम किए ताकि मालदीव में भारतीय पर्यटकों की संख्या को बढ़ाया जा सके.
बोले-भारत हर वक्त हमारे साथ खड़ापीएम मोदी से बातचीत के बाद खुद उन्होंने कहा, ‘मालदीव पर जब भी संकट आया, भारत हर वक्त साथ खड़ा रहा. हमारे रिश्ते किसी तीसरे देश की वजह से नहीं. हम भारत की सुरक्षा में कभी बाधक नहीं बन सकते.’ पीएम मोदी ने भी इसे रिश्तों की नई शुरुआत बताया. कहा-भारत और मालदीव के संबंध सदियों पुराने हैं. भारत मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी और घनिष्ठ मित्र देश है. ‘नेबरहुड फर्स्ट’ पॉलिसी और ‘सागर’ विजन में भी मालदीव का महत्वपूर्ण स्थान है.
मालदीव के लिए भारत क्यों अहम?–मालदीव इस वक्त आर्थिक संकट से जूझ रहा है. उसके पास इतनी विदेशी मुद्रा भी नहीं है कि दो महीने बाद काम चल सके. इसलिए राष्ट्रपति मुइज्जू भारत आए हैं.–मालदीव में भारतीय पर्यटकों की संख्या में 50000 की गिरावट आई है. मालदीव के पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों को देखें तो पिछले साल 24 सितंबर तक 146,057 भारतीय टूरिस्ट गए थे, जबकि इस साल सिर्फ 88,202 टूरिस्ट.–मालदीव के पास न तो कोई इंडस्ट्री है और न ही खेती लायक जमीन. ऐसे में उसे टूरिस्ट पर ही निर्भर रहना पड़ता है. ज्यादातर भारतीय टूरिस्ट ही वहां की अर्थव्यवस्था की जान हैं. लेकिन अब वे भी नहीं जा रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 7, 2024, 22:44 IST