Murshidabad Violence: भीड़ ने SDPO की गन छीनी फिर… कोर्ट में पुलिस ने बताया मुर्शिदाबाद हिंसा का सच

Murshidabad Violence: मुर्शिदाबाद में धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है. वहां रहने वाले सभी लोग शांति की कामना कर रहे हैं. मगर वो काली रातें और खौफनाक दिन उनके जेहन से नहीं हट रहा है. मगर ये हिंसा कैसे भड़की, इसके लिए कौन जिम्मेदार है, इसका पता चलना जरूरी है. कोर्ट में सवालों और जवाबों को दौर दिल दहलाने वाला था. बंगाल पुलिस ने कोर्ट में अपनी स्टेटस रिपोर्ट में बताया गया मुर्शिदाबाद में बेकाबू भीड़ ने एसडीपीओ की लोडिड गन छीन ली, जिसमें 10 गोलियां थी. बताया गया कि इस मामले में कुल 315 गिरफ़्तारी हो चुकी है. फिलहाल वहां परिस्थिति सामान्य की तरफ़ बढ़ रही है. घटना के दिन बेकाबू भीड़ ने पुलिस पर ईंट, पत्थर, लोहे के रॉड, जानलेवा हथियार बरसाये, पुलिस वालों की हत्या करने के लक्ष्य से, एसडीपीओ जंगीपुर के हाथ से 10 गोलियों से भरी लोडेड पिस्टल छीन ली गई.पुलिस बल आया जिन्होंने ‘non lethal’ weapon का इस्तेमाल किया, पुलिस वालों ने भागकर एक जगह शरण ली लेकिन ‘unruly mob’ हमला करता ही रहा.
पश्चिम बंगाल भाजपा ने कहा कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने भारतीय जनता युवा मोर्चा को शनिवार 19 अप्रैल को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पैतृक घर से ‘बंगाली हिंदू बचाओ’ रैली आयोजित करने और कोलकाता के भवानीपुर में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के घर के सामने रैली के साथ समापन करने की अनुमति दे दी है. उधर, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विजया रहाटकर आज रात 9:35 बजे कोलकाता हवाई अड्डे पर पहुंचेंगी. वो प्रेस को संबोधित करेंगी.
वहीं, राज्य सरकार और केंद्रीय बल आज इसके संबंध में अपनी-अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करेंगे. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यहां केंद्रीय बलों की तैनाती बढ़ाने की मांग किए जाने की उम्मीद है. आज शाम छह बजे बंगाल के गवर्नर मुर्शिदाबाद हिंसा के विक्टिम के साथ मुलाकात करेंगे. आज रात 10 बजे गवर्नर मुर्शिदाबाद पहुंचेंगे. वो प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे. बीजेपी के सुकांत मजुमदार ने राज्यपाल को पत्र लिखा है मुर्शिदाबाद की घटना पर संज्ञान लेने को कहा है.
कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या हुआ?-
-मुर्शिदाबाद हिंसा पर न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति राजा बसु चौधरी की खंडपीठ की टिप्पणियां – 1) मुर्शिदाबाद और राज्य के अन्य हिस्सों में संवेदनशील इलाकों में अर्धसैनिक बल की तैनाती बनी रहेगी. 2) उच्च न्यायालय ने तीनों संगठनों, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, मानवाधिकार आयोग और विधिक सेवा प्राधिकरण, के एक-एक प्रतिनिधि वाली एक विशेष समिति गठित की है. यह समिति अशांति के बाद की स्थिति की जांच करेगी. कोई भी शिकायत उस समिति को भेजी जा सकती है. यह तीन सदस्यीय समिति बिना मतदान के लोगों को उनके घर वापस भेजने तथा सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए शिकायतों का समाधान करने का निर्णय लेगी. 3) राज्य को अशांत क्षेत्रों में पुनर्वास के लिए कदम उठाने चाहिए.
– मुर्शिदाबाद हिंसा पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने अंतरिम संरक्षण दिया है. सोमवार को सुनवाई होगी. केंद्रीय बल कुछ दिन और रहेंगे. कोर्ट ने कहा कि पुनर्वास सरकार को करना चाहिए. कोई भड़काऊ भाषण नहीं दिया जाएगा.
– राज्य सरकार के वकील कल्याण बंद्योपाध्याय ने कोर्ट को बताया कि मुर्शिदाबाद के कुछ हिस्सों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है. कुछ सोशल मीडिया पोस्ट ब्लॉक कर दिए गए हैं. हिंदू राष्ट्र और हिंदुत्व का प्रचार किया जा रहा है. झूठी अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए कई सोशल मीडिया पोस्ट बंद कर दिए गए हैं. भाजपा के मुखपत्र हिंदुत्व की बात पोस्ट कर रहे हैं.
– जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस राजा बसुचौधरी ने कहा कि अदालत के आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि केंद्रीय बल राज्य प्रशासन के सहायक के रूप में काम करेंगे. ऐसा कोई आदेश नहीं है कि सेनाएं राज्य के नियंत्रण में काम करेंगी.
– केंद्र के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अशोक चक्रवर्ती ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुर्शिदाबाद और अन्य जिलों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती जारी रहनी चाहिए. अर्धसैनिक बल स्वतंत्र रूप से कार्य करने में असमर्थ हैं. यह बल हाईकोर्ट के आदेश के तहत राज्य के अंडर में काम कर रहा है. अर्धसैनिक बल राज्य की अनुमति के बिना आगे नहीं बढ़ सकते. अदालत को आदेश की व्याख्या करनी चाहिए. सेना क्या करेगी?
– केंद्र सरकार ने कोर्ट से एनआईए जांच के बारे में बात की. उनके ओर से पेश वकील ने कहा कि अगर कोर्ट आदेश देता है, तो हमारे पास शक्तियां हैं. वहीं, मुर्शिदाबाद में स्थिति बहुत संवेदनशील बनी हुई है. केंद्रीय बलों की 17 कंपनियां तैनात की गई हैं.
– प्रियंका ने कोर्ट में ममता बनर्जी पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि सीएम के पास दंगा में बाहरी लोगों के बारे में सवाल हैं, लेकिन वे बाड़ लगाने के लिए जमीन नहीं दे पा रही हैं. जब तक बाड़ नहीं लगाई जाती, तब तक इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी. सीमावर्ती क्षेत्रों में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सीमा पर बाड़ लगाने की जरूरत है. वहीं, एक दूसरे याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि सार्वजनिक संपत्ति का व्यापक विनाश हुआ है. पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई है.
– वकील प्रियंका टिबरेवाल ने हिंसा पीड़ितों की दिल दहलाने वाली कहानी कोर्ट को सुनाई. उन्होंने कहा कि ‘फोन पर महिलाओं ने मुझे बताया कि दंगाईयों ने तुलसी की माला तोड़ दी. महिलाओं ने कहा कि अगर आप हमारा बलात्कार करना चाहते हैं तो कर लें मगर हमारे पति और बच्चों को छोड़ दें. महिलाओं ने मुझे बताया कि उनके गले में हंसिया रख दिया था. जब बांग्लादेश की मुक्ति हुई थी, तब मैं पैदा भी नहीं हुई थी. मैंने कभी नहीं सोचा था कि हम भारत में ऐसा कुछ देखेंगे. आग को हवा देने के बजाय, उन्हें मामले को शांत करना चाहिए.
– प्रियंका टिबरेवाल ने एनआईए की जांच की मांग की. उन्होंने कहा कि मेरी याचिका भावनात्मक आधार पर है. इसकी एनआईए जांच होनी चाहिए.
– जज सौमेन सेन ने पूछा– वे (दंगा पीड़ित) अब मुर्शिदाबाद में नहीं रह रहे हैं?. सरकार की दलील दे रहीं वकील प्रियंका टिबरेवाल ने कहा- नहीं सर, वे मालदा में रह रहे हैं. जब तक पुनर्वास नहीं हो जाता, वे वापस नहीं जा सकते है. सब कुछ जल गया. एनएचआरसी की टीम को वहां जाना चाहती है. हमें पता है कि वे उस इलाके का दौरा करना चाहते हैं.
कोलकता हाईकोर्ट में मुर्शिदाबाद हिंसा पर सुनवाई हो रही है. न्यायमूर्ति सौमेन सेन और राजा चौधरी की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है. वहीं, कोर्ट में शुभेंदु अधिकारी के वकील अपना पक्ष रख रहे हैं-
बीएसएफ साउथ बंगाल फ्रंटियर के डीआईजी द्वारा दिए गए बयानों के अनुसार, कई राजनीतिक दलों पर समन्वित और हिंसक तरीके से हमला किया गया. इन हमलों ने जमीन पर अत्यधिक तनावपूर्ण और अस्थिर स्थिति पैदा कर दी.
यह एक ऐसा मामला है जो क्षेत्र में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है. हमने सबूत के तौर पर मीडिया कवरेज से तस्वीरें संलग्न की हैं. इसके अलावा, साइट से बम के टुकड़े बरामद किए गए हैं. वीडियो रिकॉर्डिंग में स्पष्ट रूप से पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में बमबारी और हिंसा की घटनाएं दिखाई दे रही हैं.
घटना की गंभीरता को देखते हुए, हमारा मानना है कि इस मामले की राष्ट्रीय जांच को एनआईए को सौंप देनी चाहिए. इसके अलावा, विस्फोटकों के इस्तेमाल और हमले की संगठित प्रकृति के कारण इस मामले में विस्फोटक अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) लागू हैं.
राज्य भर में समय-समय पर, एक समूह के लोगों पर हमला होता है. उनका डिजाइन एक ही रहता है. यह एक जिले से दूसरे जिले में हो रहा है. मालदा में भी ऐसी ही घटना हुई…स्थिति बिगड़ गई… अब यह मुर्शिदाबाद तक फैल गई. अब सत्ताधारी पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा है कि लोग बांग्लादेश से आए हैं.
इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया है कि बीएसएफ ने हाल की झड़पों के दौरान पत्थरबाजी करने के लिए लोगों को काम पर रखा था. उनके जवाब में भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने बनर्जी की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणी को “राष्ट्र-विरोधी” करार दिया.
ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद हिंसा पर क्या कहा?उधर, ममता बनर्जी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि राज्य में पावर की मांग बढ़ गयी है, डेउचा पाचांमी में पावर प्लांट तैयार हो जायेगा तो 100 साल तक कोई दिक्कत नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट के एसएससी पर सुनवायी पर ममता बनर्जी ने कहा कि फिलहाल राहत मिली है, हम लोग सोच रहे थे कि कैसे उन्हें सैलरी दें, इस साल में ही सब समाधान हो जायेगा. मैं एलीट क्लास से नहीं हूं, हिन्दी, अंग्रेज़ी बहुत अच्छी नहीं है मेरी.
‘पहले मणिपुर जाएं’ममता बनर्जी ने मीडिया से कहा कि वो सब सवाल न पूछिये जो भाजपा ने कहा हो- हम लोग सबको घर देंगे, जिनके घर टूटे हैं, जांच चल रही है, एसआईटी बनायी है. सुप्रीम कोर्ट- कोर्ट में अगली सुनवायी 5 को तय की है. तब तक कोर्ट ने कहा है कुछ नहीं किया जा सकेगा. मैं request करूंगी कि कोई अभी वहां ना जाए. वहां हालातों में शांति आयी है. प्रशासन काम कर रहा है, मैं भी जा सकती थी, मैं क्यों नहीं जा रही हूं? मैं राज्यपाल से कहूंगी कुछ और दिन रुक जाइये. कुछ लोग बाहर से आकर हमला किये हैं उसमें कुछ पोशाक धारी भी हैं. जिन लोगों को जान हैं उन्हें मणिपुर जाने को कहिए.
ममता ने बीएसएफ पर क्या कहा?ममता बनर्जी ने कहा कि बीएसएफ़ को 50km का दायरा दे दिया, क्यों किया? पहले बंगाल में बाहर से लोग आते थे तो बंगाल के पास डेटा था, कौन कहां से आ रहा है, ये गृह मंत्री आने के बाद उन्होंने रोक लगा दी है. राज्यपाल के कल जाने की संभावना है. उन्हेंने तय नहीं किया है जिसपर ममता बनर्जी ने उन्हें न जाने को कहा है. दंगा हिन्दू मुस्लिम, सिख जैन नहीं करते हैं, क्रिमिनल करते हैं दंगा. जैसे बारिश होने से कुछ लोग मछली पकड़ने निकलते हैं, वैसे ही कुछ राजनेतिक लोग मछली पकड़ने निकल गए है.
भाजपा नेता राहत शिविर के लोगों से मिलेइसी तरह, हिंसा राहत शिविर के 12 लोगों ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार से मुलाकात की. मजूमदार उनके साथ पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के कार्यालय गए. वहां उन्होंने तब तक धरना दिया जब तक उन्हें डीजीपी से मिलने की अनुमति नहीं मिल गई. अधिकारी के साथ बैठक हुई. मगर, मजूमदार ने कहा कि परिणाम असंतोषजनक था.
मुर्शिदाबद पर अबतक दर्ज हुई 60 एफआईआरडीजी साउथ बंगाल सुप्रतिम सरकार प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि अब तक मुर्शिदाबाद दंगों के संबंध में 60 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 274 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. एसआईटी का गठन किया गया है. डीआईजी मुर्शिदाबाद उस टीम का नेतृत्व कर रहे हैं. जांच जारी है, जाफराबाद में पिता-पुत्र की हत्या हुई, हमने 2 लोगों को गिरफ्तार किया है. पिता-पुत्र की हत्या मामले में और लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इंजामुल मास्टरमाइंड था. उसने इस इलाके के सीसीटीवी भी नष्ट कर दिए थे.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाईसुप्रीम कोर्ट में एक वकील शशांक शेखर झा ने मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर जनहित याचिका दायर की है. दायर जनहित याचिका में मुर्शिदाबाद हिंसा की की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी के गठन की मांग की गई है. इसके अलावे याचिका में राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति में विफलता के लिए पश्चिम बंगाल सरकार से स्पष्टीकरण मांगने की मांग भी की गई है. याचिका में कहा गया है कि प्रशासन के कमजोर रवैये के चलते हिंसा हुई है. सुप्रीम कोर्ट इस पर जल्द ही सुनवाई कर सकता है.