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Last Updated:April 16, 2025, 17:24 IST
करीब साढ़े 500 साल पहले राजा गोपीचंद महाराज ने इस गुफा में रहकर 12 साल तपस्या की थी. उसी चट्टानों की गुफा में वर्तमान में एक मां काली का प्राचीन मंदिर भी है.X
राजा गोपीचन्द की गुफा
हाइलाइट्स
राजा गोपीचंद और भर्तृहरि ने माउंट आबू में तपस्या की थी.गुफा में मां काली का प्राचीन मंदिर है.गुफा महाभारत काल की बताई जाती है.
सिरोही:- राजस्थान के हिल स्टेशन माउंट आबू में एक ऐसी रहस्यमयी गुफा है, जहां दो राजाओं ने राज-पाठ छोड़कर तपस्या की थी. हम बात कर रहे हैं राजा गोपीचन्द और उनके मामा राजा भृर्तहरि की. यहां 550 साल पहले उन्होंने एक साथ तपस्या की थी. यह गुफा ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि यहां तपस्या कर रहे तपस्वी को मां काली ने साक्षात दर्शन दिए थे.
लोककथा के मुताबिक, राजा गोपीचंद उज्जयिनी के राजा भर्तृहरि की बहन मैनावती के पुत्र थे. अपना राज पाठ छोड़कर दोनों ने गोरखनाथ की शरण ले ली थी और उनके मार्गदर्शन में ही तपस्या करते थे. वन-वन भटकते हुए दोनों वर्ष 1452 में माउंट आबू के अचलगढ़ क्षेत्र में पहुंचे और यहां पहाड़ी पर अचलगढ़ किले के पास बनी एक गुफा में गोपीचन्द ने और सामने बनी एक और गुफा में भृर्तहरि ने 12 साल तक तपस्या की थी.
मां काली की मिली थी प्रतिमाअचलगढ़ के स्थानीय रहवासी दिलीप भाई ने लोकल 18 को बताया कि करीब साढ़े 500 साल पहले राजा गोपीचंद महाराज ने इस गुफा में रहकर 12 साल तपस्या की थी. उसी चट्टानों की गुफा में वर्तमान में एक मां काली का प्राचीन मंदिर भी है. गोपीचंद महाराज की गुफा में ही मां काली की करीबन साढ़े 6 फीट की बनी प्रतिमा मौजूद है, जो उसी चट्टान पर बारीकी से कारीगरी कर बनाई है.
मंदिर के अंदर गोपीचंद महाराज की छोटी सी प्रतिमा भी विराजमान है. जब गोपीचंद महाराज तपस्या करने आए थे, तब अचलगढ़ के पास इस गुफा में उन्हें मां काली ने साक्षात दर्शन दिए थे. उन्होंने यहां मां काली की मूर्ति स्थापित कर तपस्या की थी. पास ही पहाड़ी की तलहटी में राजा भृर्तहरि का महल भी बना हुआ है, जो वर्तमान में खंडहर अवस्था में है.
महाभारत काल के समय की है गुफागुफा में बना मंदिर महाभारत काल का बताया जाता है. मां काली का मंदिर मानव निर्मित ना होकर प्राकृतिक गुफा में बना हुआ है. यहां पहुंचने के लिए आपको जैन मंदिर से करीब 200 सीढियां चढ़नी पड़ती है. यहां रोपवे की सुविधा नहीं होने से बुजुर्ग और दिव्यांग पर्यटक नहीं पहुंच सकते हैं. पास में ही एक चामुंडा माता का प्राचीन मंदिर है, जो परमार समाज समेत कई जातियों की कुलदेवी भी हैं.
Location :
Sirohi,Rajasthan
First Published :
April 16, 2025, 17:24 IST
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गुफा में तपस्या कर रहे इस राजा को मां काली ने दिए थे दर्शन, आज बना है मंदिर