गायों में फैली रहस्यमई बीमारी, एक महीने में 500 गौ माता की मौत, ग्वालों में मचा हाहाकार!

Last Updated:April 29, 2025, 13:09 IST
जैसलमेर में एक महीने के अंदर करीब पांच सौ गौ माता की मौत होने से हालात चिंताजनक बन गए हैं. यहां गायों में बोटुलिज़्म नाम की बीमारी फ़ैल रही है, जिसका इलाज नहीं है.
पशु चिकित्सालय बंद होने से बेबस हुए किसान (इमेज- फाइल फोटो)
कुछ समय पहले देश में लंपी वायरस ने आतंक मचाया था. लंपी वायरस होने की वजह से कई जानवरों की मौत हो गई थी. अब जाकर इससे निजात मिला तो एक बार फिर से जैसलमेर में गायों के बीच रहस्यमई बीमारी फ़ैल गई है. इसका नाम बोटुलिज़्म बताया जा रहा है. चूंकि इसका कोई इलाज नहीं है, इस कारण अभी तक एक महीने में पांच सौ से अधिक गायों की मौत की खबर सामने आ रही है. इलाके में अधिकांश लोगों की जीविका गौ पालन पर ही निर्भर करती है. ऐसे में ये बीमारी सभी के लिए चिंता का विषय बनती जा रही है.
2022-23 में देश में लंपी वायरस ने आतंक मचाया था. अब जैसलमेर में फिर से वैसी ही स्थिति बनती जा रही है. यहां अब बोटुलिज़्म की वजह से गायों की जान जा रही है. एनिमल हस्बेंड्री डिपार्टमेंट के आधिकारिक आंकड़े अभी मौत की संख्या 190 बता रहे हैं लेकिन आसपास के लोगों की मानें तो पांच सौ से अधिक मौत हो चुकी है. बोटुलिज़्म का कोई इलाज नहीं है. ऐसे में एक बार इसकी चपेट में गाय के आ जाने के बाद मौत तय है. गायों को ये बीमारी फ़ूड पॉयजनिंग के कारण हो रही है. उनके खाने में बोटुलिज़्म नाम का जहर बनने की वजह से उनकी मौत हो रही है.
क्या है बोटुलिज़्म?ये एक दुर्लभ संक्रामक बीमारी है जो क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम नामक बैक्टीरिया से होता है. जानवरों द्वारा दूषित खाना खाने से बोटुलिज़्म होता है. इस कारण बहुत जरुरी है कि किसान अपनी गायों को सही ढंग से तैयार खाना दें. इसकी चपेट में आने से जानवरों की मांसपेशियां प्रभावित होती है. उन्हें लकवा तक मार जाता है. इसके अलावा खाना निगलने में तकलीफ होती है और उन्हें पाचन संबंधी समस्याएं होने लगती है.
किसानों में हड़कंपएक ही महीने में पांच सौ गायों की मौत के बाद गौ पालकों में हड़कंप मच गया है. एनिमल हस्बेंड्री डेयरी मिनिस्टर जोराराम कुमावत ने जैसलमेर का दौरा कर मामले की जानकारी ली. उन्होंने किसानों से अपनी गाय पर नजर रखने और बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत सजग होने की अपील की है. साथ ही बीमारी पर कंट्रोल करने के लिए जयपुर वेटरनरी यूनिवर्सिटी के तीन मेंबर्स की एक्सपर्ट टीम बनाई जा रही है जो जैसलमेर से सैम्पल लेकर इन्वेस्टिगेशन करेंगे. बता दें कि ये बीमारी सिर्फ कंट्रोल की जा सकती है. इसका इलाज नहीं किया जा सकता.
बंद हो रहे पशु चिकित्सा केंद्रबता दें कि जैसलमेर में अधिकांश लोग गौ पालन कर गुजारा करते हैं. लेकिन इसका बाद भी इलाके में कई पशु चिकित्सा केंद्र बंद हो चुके हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक़, दो सौ में से एक सौ बीस पशु चिकित्सा केंद्र बंद हैं. बताया जा रहा है कि पशु चिकित्स्कों की कमी के कारण सेंटर्स बंद हैं. ऐसे में एक बार फिर से महामारी फैलने के डर से किसानों की नीदें उड़ गई हैं. पिछले साल भी ये महामारी फैली थी, जिसके कारण कम से कम पंद्रह सौ गायों की जान गई थी. इस साल एक ही महीने में आंकड़ा पांच सौ को पार कर गया है.
First Published :
April 29, 2025, 13:09 IST
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गायों में फैली रहस्यमई बीमारी, एक महीने में 500 गौ माता की मौत, मचा हाहाकार!