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Rs 1 and a coconut as dowry completed marriage know details

Last Updated:April 12, 2025, 20:44 IST

सीकर के दांतारामगढ़ में सुरेंद्र सिंह ने दहेज मुक्त शादी की. सुरेंद्र के चाचा बंसीलाल ने प्रेरित किया. समाज में इस पहल की सराहना हो रही है.X
एक
एक रुपया और नारियल लेकर रचाई शादी

हाइलाइट्स

सुरेंद्र सिंह ने 1 रुपया और नारियल लेकर दहेज मुक्त शादी की.सुरेंद्र के चाचा बंसीलाल ने दहेज मुक्त शादी के लिए प्रेरित किया.समाज में सुरेंद्र की इस पहल की सराहना हो रही है.

सीकर:- दहेज एक कुरीति है, इसे सामाजिक बंद करने के लिए अनेक सामाजिक संगठन धरातल पर काम कर रहे हैं. कुछ लोग इसकी शुरुआत खुद से कर रहे हैं. सीकर जिले के दांतारामगढ़ कस्बे में रहने वाले सुरेंद्र सिंह ने भी कुछ ऐसा ही किया है. सुरेंद्र सिंह ने दहेज में 1 रुपया और नारियल लेकर दहेज मुक्त शादी का संदेश दिया है. यह शादी पूरी जिले भर में चर्चा का विषय बन हुई है. सुरेंद्र के चाचा बंसीलाल ने Local 18 को बताया कि उनके भतीजे शादी कुचामन शहर के रहने वाली आरती से हुई है.

दुल्हन पक्ष ने दहेज दिया, तो दूल्हे ने कर दिया मनाबंसीलाल ने बताया कि दुल्हन आरती पेशे से चित्रकार और सुरेंद्र कुमार सरकारी अध्यापक है. सुरेंद्र की शादी में हिंदू धर्म की सभी रस्में निभाई गई. लेकिन दहेज की रस्म मात्र एक रुपया और नारियल लेकर निभाई गई. दुल्हन पक्ष की तरफ से दूल्हे को लाखों रुपए देने की पेशकश की थी. लेकिन, सुरेंद्र ने दहेज लेने से बिल्कुल मना कर दिया और सांकेतिक रूप से दहेज की रस्म निभाई.

चाचा ने किया प्रेरितदूल्हे बने सुरेंद्र के चाचा बंसीलाल सीआरपीएफ में कार्यरत हैं. उन्होंने अपने भतीजे सुरेंद्र कुमार को प्रेरित किया कि दहेज एक बुराई है. हमें यह शादी बिना दहेज के ही करनी है. सुरेंद्र व परिवार ने चाचा की बात मानकर बिना दहेज के शादी करने का फैसला लिया और समाज की रीति रिवाज और रस्म को निभाते हुए मात्र एक रुपए और नारियल में शादी संपन्न की.

सीकर के दांतारामगढ़ में बिना दहेज लिए हुई शादी की सराहना हर कोई कर रहा है. एडवोकेट राजेंद्र जाखड़ ने कहा कि सुरेंद्र का यह प्रयास सराहनीय है, इसे समाज में सुधार होगा. वहीं, अध्यापक धर्मेंद्र विद्यार्थी ने कहा कि सुरेंद्र ने समाज को प्रेरित किया है.

वधू के परिवार ने दूल्हे का प्रस्ताव माना दूल्हे बने सुरेंद्र के पिता मोतीराम बड़े भाई नरेंद्र कुमार चाचा बंसीलाल व जगदीश कुमार सहित परिवार के सदस्यों ने दुल्हन बनी आरती के पिता श्रवण कुमार तनगुरिया के सामने बिना दहेज के शादी का प्रस्ताव रखा. जिसे दुल्हन बनी आरती सहित पूरे परिवार ने स्वीकार कर किया और बिना दहेज के शादी संपन्न हुई.

Location :

Sikar,Rajasthan

First Published :

April 12, 2025, 20:44 IST

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