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महाराष्ट्र ही नहीं इस जगह भी विट्ठल रूप में पूजे जाते हैं श्रीकृष्ण, छत्रपति शिवाजी ने की थी स्थापना

सिरोही: महाराष्ट्र में भगवान विष्णु के कृष्ण अवतार की विट्ठल भगवान के रूप में पूजा होती है. विट्ठल भगवान का महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में पंढरपुरनगर प्रसिद्ध मंदिर है. इसके अलावा राजस्थान के सिरोही जिले के ओर गांव में विट्ठल भगवान का प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर का इतिहास मराठा साम्राज्य से जुड़ा है. ओर गांव तक किसी समय मराठा साम्राज्य हुआ करता था. इस साम्राज्य का अंतिम छोर इस गांव तक हुआ करता था. मान्यताओं के अनुसार स्वयं शिवाजी महाराज ने ओर गांव में अपने आराध्य विट्ठल भगवान के मंदिर की स्थापना की थी.मंदिर परिसर में कुल छोटे 15 मंदिर हैं. जिनमें सबसे अधिक 5 ​भगवान शिव के मंदिर और 3 गणेश मंदिर हैं.

मुख्य मंदिर में मध्य में भगवान विट्ठल की काले पत्थर की प्राचीन मूर्ति बनी हुई है. वहीं पास में शिव परिवार और रिद्धि सिद्धि के मंदिर हैं. मुख्य मंदिर में एक प्राचीन शिलालेख भी लगा हैं, लेकिन प्राचीन भाषा में होने की वजह से इसमें लिखी जानकारी को कोई समझ नहीं सका है. मंदिर परिसर में एक प्राचीन बावड़ी भी बनी हुई है. जन्माष्टमी पर यहां दूरदराज से भक्त दर्शन करने आते हैं. महाराष्ट्र से भी भक्त यहां पहुंचते हैं. मंदिर का वर्तमान में संचालन गांव स्तर पर गठित कमेटी द्वारा किया जा रहा है. यहां हर साल निर्जला एकादशी का मेला लगता है.

मुगल सेना को भंवरों के हमले से हथियार छोड़ भागना पड़ागांव निवासी शिक्षक डूंगरसिंह देवड़ा ने बताया कि इस मंदिर का इतिहास प्राचीन ऋषिकेश मंदिर, मधुसूदन मंदिर के समकालीन है. यहां छोटे-छोटे मंदिर के बीच बाद में मराठा साम्राज्य के समय विट्ठल भगवान की प्रतिमा स्थापित की गई थी. बाद में मुगल आक्रांता ने सेना के साथ इस मंदिर पर हमला किया था, लेकिन मंदिर में हजारों की संख्या में भंवरों ने सेना पर हमला कर दिया था. जिसके बाद सेना अपने हथियार और सामान छोड़कर भाग गई थी. गांव के बुजुर्गों के पास आज भी ढाल व हाथी पर रखने वाली गद्दी आदि उन्होंने देखी है. मंदिर में इस हमले के निशान आज भी देखे जा सकते हैं.

मूर्ति तस्करों ने प्रतिमा को 3 बार चुराने का किया था प्रयासकुछ वर्ष पूर्व इस मंदिर की प्राचीन प्रतिमाओं पर अंतरराष्ट्रीय मूर्ति तस्कर गिरोह पर पड़ गई थी. जिसके बाद तीन बार इस मंदिर पर तस्करों ने हमला कर मूर्ति चुराने का प्रयास किया था. पहरदार से मारपीट कर एक बार चोर मूर्ति चुराने में सफल हुए थे, लेकिन चोर मूर्ति को मंदिर के पास से गुजर रही बत्तीसा नदी में छोड़कर फरार हो गए थे. इसके बाद कमेटी ने मंदिर की सुरक्षा बढ़ा दी है.

Tags: Local18, Rajasthan news, Sirohi news, Sri Krishna Janmashtami

FIRST PUBLISHED : August 26, 2024, 08:51 IST

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