चुनावी जीत की नई इबारत: आधी आबादी, पूरा समर्थन – जानिए कैसे महिलाएं बन रही हैं हर जगह जीत का फैक्टर
नई दिल्ली: अब हर राजनीतिक पार्टी ये अच्छी तरह समझ गई है कि महिला हितों और महिला वोटरों की अनदेखी करके किसी भी राजय में जीत का सेहरा पहनाना मुश्किल ही नहीं, असंभव है. हर एक चुनाव में अब महिलाओं की भूमिका तेजी से न सिर्फ महत्वपूर्ण होती जा रही है बल्कि बदलती भी जा रही है. चाहे वह मध्य प्रदेश हो, महाराष्ट्र हो या हरियाणा, आप किसी भी राज्य के चुनावी नतीजे देख लें, महिलाओं का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है. यही आधी आबादी अब निर्णायक भूमिका निभा रही है.
महिला केंद्रित योजनाओं का असर केवल महिलाओं पर नहीं…जी हां, बात केवल महिलाओं को आकर्षित करने की नहीं है बल्कि इसके पीछे यह फैक्टर काम करता है जब घर की एक महिला सश्कत होती है तब पूरा परिवार सशक्त होता है. यही बात महिलाओं की शिक्षा को लेकर कही जाती है और एकदम सही ही कही जाती है. कि, एक महिला जब शिक्षित होती है तब पूरे परिवार का कल्याण होता है. मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और हरियाणा में महिला केंद्रित योजनाओं ने चुनावी जीत में इसी कारण दीगर भूमिका निभाई. इन योजनाओं ने महिलाओं को सशक्त बनाया और उन्हें राजनीतिक प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित भी किया. महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके लिए विशेष योजनाओं ने उनकी सामाजिक स्थिति को तो मजबूत किया ही है.
दिल्ली में केजरीवाल यही फैक्टर भुनाने में जुटेआतिशी के रूप में महिला मुख्यमंत्री के तौर पर चुनकर अरविंद केजरीवाल ने आप पार्टी को महिलाओं का हितैषी दिखाने की कोशिश की है और अब आने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भी उसने महिलाओं से ही वोट का आव्हान किया है. केजरीवाल ने गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना पर मुहर लगा दी. केजरीवाल ने कहा कि चुनाव के बाद महिलाओं के खातों में 2100 रुपये डाले जाएंगे. जबकि आपको याद दिला दें कि पहले दिल्ली निवासी महिला को 1000 रुपये देने के प्रस्ताव पर मुहर लगी थी. शुक्रवार से इसके लिए बाकायदा रजिस्ट्रेशन भी शुरू कर दिए गए. केजरीवाल ने महिलाओं से अपील की कि पूरी ताकत लगाओ ताकि 60 से ऊपर सीटें आएं नहीं तो ये भाजपा वाले सरकार नहीं बनने देंगे.
बिहार में भी महिलाओं के नाम पर ही बाजी मारने की तैयारी…तेजस्वी यादव ने भी ऐलान किया है कि बिहार चुनाव जीतते ही महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये देंगे. बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर तेजस्वी यादव ने ‘माई बहन मान योजना’ की घोषणा की है. बिहार में 2024 के लोकसभा चुनाव में 59. 45 फीसदी महिलाओं ने वोट डाले जबकि 53 फीसदी पुरुषों ने वोट डाले.
मध्य प्रदेश, झारखंड, हरियाणा में बहनों ने जिताया..मध्य प्रदेश सरकार की लाडली बहन योजना आपको याद होगी. साथ ही, हेमंत सोरेन ने झारखंड में भी मइयां योजना के जरिए महिला वोट अपने नाम कर लिए. आदिवासी और ग्रामीण इलाके में इसका खूब फायदा मिला. हेमंत सरकार 1000 रुपये महीने दे रही थी और जब बीजेपी ने चुनाव में 2100 रुपये देने का वादा किया तब. हेमंत सरकार ने तब 2500 का वादा कर दिया. हरियाणा में भी बीजेपी ने लाडो लक्ष्मी योजना का चुनाव से पहले ऐलान कर दिया था. और तो और बिना देरी महिलाओं के खातों में पैसे भी भेज दिए जिससे ये केवल चुनावी वादा जैसा नहीं रहा. सारे सर्वे समीकरणों को धता बताते हुए बीजेपी ने वहां परचम गाड़ दिया.
महाराष्ट्र के चुनावी नतीजे सामने..चुनाव से पहले महाराष्ट्र सरकार ने ‘मुख्यमंत्री माझी लड़की बहीण’ योजना शुरू करने को मंजूरी दी. इसके जरिए महाराष्ट्र में 21 से 65 साल की महिलाओं को 1500 रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है. सीधे डीबीटी किया जाता है और महिलाओं को उनके खाते में पैसे मिल रहे हैं. नवंबर तक 2.35 करोड़ महिलाओं के खातों में सीधे पैसे ट्रांसफर किए गए. इसका खूब जमकर प्रचार भी किया गया. महाराष्ट्र में हर 10 में से पांच वोट अकेले महायुति को मिला. अब देखना यह है कि आगामी विधानसभा चुनावों में महिलाओं के लिए राजनीतिक पार्टी और क्या और किस तरह के ऐलान करती हैं व साथ ही, क्या यह फैक्टर विकास की एक नई गाथा लिख रहा है? फिलहाल तो यही लगता है…
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FIRST PUBLISHED : December 15, 2024, 11:55 IST