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राजस्थान में खजूर की नई वैरायटी विकसित, वैज्ञानिकों ने इस तकनीक से किया तैयार, बाजार में आते ही बढ़ी डिमांड

Agency: Rajasthan

Last Updated:February 13, 2025, 12:57 IST

Dates New Variety: जोधपुर स्थित केन्द्रीय शुष्क अनुसंधान केन्द्र ने शोध के जरिए टिश्यू कल्चर तकनीक का सहारा लेकर खजूर की नई वैरायटी विकसित की है. इसकी डिमांड भी काफी बढ़ गई गई है. इस खजूर में आयरन, मैग्नीशियम, प…और पढ़ेंX
राजस्थान
राजस्थान का सुख मेवा कहे जाने वाले खजूर

हाइलाइट्स

काजरी जोधपुर ने खजूर की नई वैरायटी विकसित की.टिश्यू कल्चर तकनीक से खजूर की पैदावार बढ़ी.खजूर की कीमत 100 और 600 रूपए प्रति किलो है.

पाली. केन्द्रीय शुष्क अनुसंधान केन्द्र यानि की काजरी जोधपुर द्वारा विकसित खजूर की डिमांड सर्दियों में काफी हद तक बढ जाती है. कृषि के क्षेत्र में लगातार अपने नए शोध और अध्ययन को लेकर काजरी कई नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. काजरी के वैज्ञानिकों ने ‘टिश्यू कल्चर तकनीक’ के जरिए विदेशी  खजूर को विकसित किया है. इसकी पैदावार किए जाने के बाद डिमांड काफी बढ़ने लगी है.

विदेशी नस्ल के इस खजूर की विशेषता यह है कि यह कम पानी में भी अधिक पैदावार देने की क्षमता रखते हैं, जिससे किसानों की आय पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इस खजूर को बेचने का काम करने वाले व्यवसायी भी इससे अच्छा मुनाफा कमा रहे है. इस खजूर की बात कंरे तो यह सर्दी और जुखाम से बचाने के लिए विशेष रूप से कारगर है.

काजरी इस तरह से करता है डेवलप

खजूर का व्यवसाय करने वाले प्रवीण ने लोकल 18 को बताया कि यह खजूर काजरी के अंदर डेवलप किए जाते है. इसका प्लांट लगाया जाता है, फिर इसको पकाकर फ्राइ करने के बाद इस तरह से सूखे खजूर तैयार करते है. इस सूखे खजूर की खासियत है कि यह सर्दी या फिर जुखाम हो तो इसको दूध के साथ खाने से सर्दी जुखाम दूर हो जाता है. साथ ही खून की कमी वाले लोगों के लिए फायदेमंद है उनके ब्लड को बढाने का काम यह करते है. इसमें दो वैरायटी की बिक्री कर रहे है. जिसमें एक वैरायटी 600 रूपए किलो है तो दूसरी 100 रूपए किलो है. इसे राजस्थान का सूखा मेवा भी कहते हैं.

इस तरह की थी कजूर की खेती की शुरूआत

काजरी ने गुजरात की आणंद यूनिवर्सिटी से वर्ष 2014 में खजूर की एडीपी-1 वैरायटी के 159 पौधे लाकर यहां लगाए थे. यहां यह पौधे टिश्यू कल्चर तकनीक से तैयार किए गए. आठ साल में इनके परिणाम लगातार सकारात्मक रहे हैं. अब इस वैरायटी से किसान भी लाभ लेकर फसल उगा रहे है. इस खजूर में आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में होते हैं. खजूर दिल और फेफड़ों को स्वस्थ रखता है. कई लोग खजूर को भिंगोकर खाना पसंद करते हैं. सूखा और भींगा खजूर, दोनों ही फायदेमंद है, लेकिन डाइटीशियन अलग-अलग तरीके से खाने की सलाह देते हैं. भींगे खजूर के अपने अलग फायदे हैं. हालांकि सूखे खजूर की तासीर गर्म होती है, जबकि भींगे हुए खजूर की तासीर कम गर्म होती है.


First Published :

February 13, 2025, 12:57 IST

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राजस्थान में खजूर की नई वैरायटी विकसित, बाजार में आते ही बढ़ी डिमांड

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