People used to make fun of him due to his short height, the advice of a passerby changed the life of this para athlete, now he will win gold for India in Asia and World Championships

सीकर:- कहते हैं कि आदमी में अगर सफलता की भूख हो, तो वह हर परिस्थिति का सामना कर आगे बढ़ता रहता है. कुछ ऐसा ही सीकर जिले के डांसरोली गांव के सुरेश बाकोलिया ने कर दिखाया है. सुरेश बाकोलिया एक पैरा एथलीट हैं. उन्होंने चार बार बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत को मेडल दिलाया है. बाकोलिया विदेश में होने वाली चैंपियनशिप में बैडमिंटन और जैवलिन थ्रो खेल में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं.
राहगीर की सलाह ने बदली जिंदगी सुरेश बाकोलिया ने लोकल 18 को बताया कि वह भी सामान्य विद्यार्थियों की तरह स्कूल की पढ़ाई पूरी कर नौकरी करना चाहते थे. स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई के दौरान हाइट कम होने की वजह से लोग चिढ़ाते थे. हर पल सुरेश को लगता था कि यह क्या जिंदगी है, समाज में सभी लोग उन्हें हीन भावना से देखते हैं. उसके बाद सुरेश ने सरकारी नौकरी करने की ठानी और तैयारी के लिए जयपुर चला गया. एक दिन जब वह अपनी कोचिंग पूरी कर बस से रूम पर जा रहे थे, तो रास्ते में एक नेशनल खिलाड़ी मिला. उसने बताया कि पैरा के भी खेल होते हैं, उसमें सफलता पाकर आप लोगों के तानों का जवाब दे सकते हो. इसके बाद सुरेश ने इसके बारे में जानकारी जुटाई और इसमें लग गए. उसी दिन से सुरेश की जिंदगी बदल गई.
2019 में पहला राज्यस्तरीय गेम्स खेलने का मिला मौका सुरेश बोकोलिया के पिता बिरदी चन्द बोकोलिया अध्यापक पद पर कार्यरत हैं. वह भी अपने पिता की तरह अध्यापक बनना चाहते थे. इसके लिए सुरेश ने 12 क्लास पास करने के बाद से ही अध्यापक की तैयारी शुरू कर दी थी. बाद में वह जयपुर चले गए और तैयारी के दौरान जब नेशनल खिलाड़ी से सुरेश की मुलाकात हुई, तो उन्होंने साल 2019 में महेश नेहरा को अपना कोच बनाया.
इसके बाद साल 2019 में ही सुरेश को जिंदगी का पहला राज्यस्तरीय गेम्स खेलने का मौका मिला, पहले ही राज्य स्तरीय गेम्स (जयपुर) में बाकोलिया ने गोल्ड मेडल जीता था. फिर पढ़ाई के साथ-साथ खेल भी जारी रखा और साल 2020 में जोधपुर में आयोजित राज्यस्तरीय गेम्स में 2 गोल्ड मेडल जीते. उसके बाद पुणे में आयोजित नेशनल खेल में भी मेडल जीता. उन्होंने अब तक चार इंटरनेशनल चैंपियनशिप में भारत को गोल्ड और सिल्वर मेडल दिलाए हैं. इसके चलते उन्हें राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर 2 बार लगातार स्वर्ण भारत राष्ट्रीय खेल रत्न सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है.
राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीत चुके हैं मेडलसुरेश बाकोलिया ने Local 18 को बताया कि उन्होंने सबसे पहले अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियनशिप अफ्रीका में भाग लिया, जिसमें दो सिल्वर मेडल जीते. इसके बाद युगांडा में एक गोल्ड जीता, वहीं एक ब्रॉन्ज जीता. फिर यूरोप में दो ब्रॉन्ज और इंडोनेशिया में एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल जीता है. अब तक उन्होंने राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 20 से अधिक मेडल जीते हैं.
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इंटरनेशनल कोच बद्री नारायण दे रहे ट्रेनिंग आपको बता दें कि भारतीय खेल प्राधिकरण के अधीन रहकर सुरेश बाकोलिया अभी गांधीनगर (गुजरात) में ट्रेनिंग कर रहे हैं. यहां पर बाकोलिया को इंटरनेशनल कोच बद्री नारायण ट्रेनिंग दे रहे हैं. इसी ट्रेनिंग सेंटर से देवेंद्र झाझडिया, नीरज चोपड़ा, पीवी सिंधु, साइना नेहवाल और नवदीप हरियाणा ने खेलकर ओलंपिक में मेडल जीता है. सुरेश ने बताया कि अब उनका ड्रीम जापान आयोजित होने वाली एशियन गेम्स 2026 और वर्ल्ड चैंपियनशिप 2036 में भारत के लिए गोल्ड लाना है.
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FIRST PUBLISHED : October 17, 2024, 14:19 IST