NIA पर बंगाल पुलिस का एक्शन देख भड़का हाईकोर्ट, जज बोले- मामूली चोटों पर…दिया यह आदेश

कलकत्ता हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) पर मुकदमा दर्ज करने के मामले में बंगाल पुलिस को जमकर फटकार लगाई. छापेमारी के लिए गई एनआईए की टीम को बंगाल में कड़े विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा था. इस दौरान एक महिला की शिकायत के आधार पर बंगाल पुलिस ने एनआईए अधिकारियों के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर दिया था. पेश मामले में एनआईए की एक टीम राज्य में 2022 में हुए विस्फोट के सिलसिले में छापेमारी के लिए शनिवार को बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के भूपतिनगर में गई थी. इन धमाकों में तब तीन लोगों की मौत हो गई थी.
एनआईए की रेड के दौरान आतंकवाद की जांच करने वाली इस केंद्रीय एजेंसी को स्थानीय निवासियों के विरोध का सामना करना पड़ा था. एनआईए टीम से झड़प के बाद एक महिला ने स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें एनआईए टीम पर उसके घर में घुसने और पति पर हमला करने का आरोप लगाया गया था. महिला ने यह भी आरोप लगाया था कि एनआईए अधिकारियों और उनके साथ आए सीआरपीएफ कर्मियों ने परिवार के दुर्व्यवहार किया. जब बचाव करने की कोशिश की गई तो उनके साथ मारपीट की गई.
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NIA को राज्य पुलिस से अनुमति की जरूरत नहीं…
शिकायत के आधार पर बंगाल पुलिस ने महिला को गंभीर चोट पहुंचाने और उसकी गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से आपराधिक बल का उपयोग करने से संबंधित एफआईआर दर्ज की थी. एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा, ‘ऐसा प्रतीत होता है कि एनआईए के अधिकारी सख्ती से कानून के तहत छापेमारी करने गए थे. कानून के तहत एनआईए को राज्य पुलिस से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है.’ हाईकोर्ट ने कहा कि जवाबी एफआईआर में राज्य पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई पर जो बात असंगत लगती है, वह यह है कि मेडिकल रिपोर्ट में केवल मामूली खरोंच और दर्द का जिक्र है और गंभीर चोट का जिक्र नहीं है.

हाईकोर्ट ने दिया बड़ा आदेश
हाईकोर्टन ने कहा यह आश्चर्यजनक है कि राज्य पुलिस द्वारा धारा 325 के तहत एफआईआर दर्ज की गई. धारा-325 गंभीर चोट पहुंचाने से संबंधित है और यदि दोषी ठहराया जाता है तो आरोपी को सात साल सजा दी जा सकती है. यह देखते हुए कि मामले की विस्तृत सुनवाई की जरूरत है, अदालत ने राज्य पुलिस से केस डायरी जमा करने को कहा और मामले को 29 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध कर दिया. अदालत ने कहा कि राज्य पुलिस अगली सुनवाई तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर सकती और इस बीच कोई अंतिम रिपोर्ट दाखिल नहीं करेगी.
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Tags: Bengal news, Calcutta high court, NIA
FIRST PUBLISHED : April 10, 2024, 17:45 IST