Nirals skills learned from grandmother in childhood now her made scrunchies are demand across
जुगल कलाल
डूंगरपुर. हुनर और मेहनत के दम पर युवा व्यापार के क्षेत्र में उतर कर अपनी किस्मत तो बदल ही रहे हैं, दूसरों को भी रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं. डूंगरपुर की नीरल पंचाल भी ऐसे ही युवा हैं. नीरल ने ई-हेण्डी बाय नीरल के नाम एक स्टार्टअप शुरू किया और अपने हाथों से डिजाइन कर ‘स्क्रंची’ (हेयर बैंड) बनाकर इंस्टाग्राम बेचना शुरू कर दिया. आज नीरल के ‘स्क्रंची’ देश के 28 राज्यों तक पहुंच चुके हैं. नीरल को रोजाना देश के अलग-अलग कौने से ऑनलाइन ऑर्डर मिल रहे हैं और उनका सालाना टर्नओवर 4 लाख रुपए तक पहुंच चुका है.
डूंगरपुर शहर के न्यू कॉलोनी की रहने वाली नीरल पंचाल एमएससी की छात्रा हैं. लेकिन, नीरल पढ़ाई के साथ- साथ पार्ट टाइम बिजनेस भी कर रही हैं. इनका पार्ट टाइम बिजनेस ऐसा है कि देश के कोने-कोने तक उनका प्रॉडक्ट पहुंच चुका है. नीरल को अब तक 28 राज्यों से आर्डर मिल चुके हैं.
बचपन में दादी से सीखा सिलाई का हुनर
नीरल पंचाल बताती है कि लॉकडाउन में कॉलेज बंद थी. नीरल की दादी लक्ष्मी देवी सिलाई करती थी. बचपन से दादी उन्हें सिलाई लिखाई थी और उन्होंले फटे पुराने कपड़ों से डिजाइन करने का शौक था. जब लॉकडाउन में सब कुछ बंद था तब नीरल ने स्क्रंची बनाना शुरू किया और इंस्टाग्राम पर आईडी बनाकर बेचना शुरू किया.
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धीरे धीरे इंस्टाग्राम से उन्हें आर्डर आने लगे. बढ़ती डिमांड देखते हुए नीरल ने खुद वेबसाइट बना ली और उसको नाम दिया ई—हेण्डी बाय नीरल. आज वेबसाइट पर देश के हर कौने से ऑनलाइन ऑर्डर आ रहे हैं. नीरल के स्क्रंची की डिमांड होने के पीछे वजह है कलर, डिजाइन और उसकी गुणवत्ता.
50 हज़ार रुपयों से की शुरुआत
नीरल के पिता राजेश पंचाल बताते हैं कि बेटी नीरल के शोक को परिवार वालों ने स्पोर्ट किया. बेटी को देश भर से ऑर्डर मिलने शुरू हुए, तो उसे कुछ मशीनों एवं प्रोडक्ट से संबंधित कच्चे माल की जरूरत थी. बिटिया का हौसला बढ़ाते हुए उसे उसके जरूरत की सामग्री उपलब्ध कराई. इसकी लागत अधिकतम 50 हजार रुपए तक आई. लेकिन, अब नीरल सालाना 4 लाख रुपए तक की सेल कर रही है. वहीं, नीरल दो महिलाओ को भी रोजगार से दे रही हैं.
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Tags: Dungarpur news, Rajasthan news, Success Story, Womens Success Story
FIRST PUBLISHED : March 09, 2023, 13:45 IST