Now Every School Will Have A Library Captain – अब हर स्कूल में होंगे लाइब्रेरी कैप्टन

बनाए जाएंगे रीडिंग कॉर्नर
बच्चों में रचनात्मकता और सकारात्मक सोच विकसित करने का प्रयास

जयपुर, 20 जून
स्कूल स्टूडेंट्स (school students) में रचनात्मकता और सकारात्मक सोच (creativity and positive thinking) विकसित करने के लिए अब हर स्कूल में लाइब्रेरी कैप्टन (library captain) की नियुक्ति की जाएगी साथ ही रीडिंग कॉर्नर (reading corner) भी विकसित किए जाएंगे। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद (Rajasthan Council of School Education) ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं जिसके मुताबिक स्टूडेंट्स की भाषा और लेखन क्षमता को विकसित करने के लिए हर स्कूल में न केवल लाइब्रेरी रूम बनाया जाएगा बल्कि रीडिंग कॉर्नर की स्थापना करना जरूरी होगा। लाइब्रेरी में कविता कॉर्नर, डिस्प्ले बोर्ड, लोक कहानियां के साथ अन्य पढऩे योग्य किताब होना जरूरी होंगी।
ऐसा होगा रीडिंग कॉर्नर
बच्चों के लिए बुक शेल्फ, डिस्प्ले बोर्ड होना होगा जरूरी। बच्चों के लिए फर्नीचर, के साथ पर्सनल सामान रखने के लिए काउंटर होना चाहिए। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की जरूरत का भी इसमें ध्यान रखा जाएगा। स्कूल खुलने के बाद जब बच्चे स्कूल आएंगे जो हर कक्षा के स्टूडेंट्स के लिए सप्ताह में एक पीरियड लाइब्रेरी का रखा जाएगा।
लाइब्रेरी से अलग रीडिंग कॉर्नर क्लास का ही एक हिस्सा होगा जहां स्टूडेंट्स को किताबें आसानी से मिल सकेंगी। यहां स्टूडेंट्स स्वतंत्र रूप से अपनी पसंद की किताब अकेले या अपने स्कूल के अन्य दोस्तों के साथ ग्रुप में पढ़ सकेंगे। क्लास मॉनिटर को रीडिंग कॉर्नर में किताबों को रखने की जिम्मेदारी दी जाएगी। यहां रोटेशन पर किताबें रखी जाएंगी जिससे स्टूडेंट्स को उनकी रुचि की किताबें आसानी से मिल सकें। कई बार जब बच्चे किताब पढ़ते हैं तो उनसे किताब फट जाती हैं ऐसे में किताबों की सुरक्षा के नाम पर उन्हें किताबों का उपयोग करने से नहीं रोका जा सकेगा।
ें लाइब्रेरी मैनेजमेंट कमेटी का होगा गठन
लाइब्रेरी के बेहतर मैनेजमेंट के लिए स्कूल में लाइब्रेरी मैनेजमेंट कमेटी और स्टूडेंट लाइब्रेरी एसोसिएशन का गठन किया जाएगा। स्कूल स्तर पर लाइब्रेरी मैनेजमेंट कमेटी में संस्था प्रधान,टीचर के साथ, लाइब्रेरी कैप्टन बनाने के लिए अलग अलग क्लास से तीन से पांच स्टूडेंट्स का चयन किया जाएगा।
बनाया जाएगा कैटेलॉग
इतना ही नहीं लाइब्रेरी इंचार्ज की जिम्मेदार होगी कि वह एक माह में कम से कम दो बार हर स्टूडेंट को बुक इश्यू करवाए और इसका रिकॉर्ड भी रखे। इंचार्ज को किताबों के कैटेलॉग तैयार करना होगा और इसकी जानकारी स्टूडेंट्स को देनी होगी जिससे वह अपनी पसंद के विषय की किताब ले सकें। लाइब्रेरी के नियमित संचालन के लिए लाइब्रेरियन की नियुक्ति की जाएगी, अगर लाइब्रेरियन नहीं है तो टीचर्स में से किसी को इसे चलाने की जिम्मेदारी देनी होगी। सीएलसी का गठन कर स्कूल में लाइब्रेरी के संचालन में मदद ली जाएगी।
करनी होगी मॉनिटरिंग
विभाग ने यह भी निर्देश दिए हैं कि स्कूल लाइब्रेरी की सभी किताबों का पूरा रिकॉर्ड रखा जाएगा। संकुल केंद्र प्रभारी, बीईईओ और अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी और डाइट प्राचार्य के साथ ब्लॉक और जिला स्तर के सभी डीईओ को मॉनिटरिंग करनी होगी। स्कूल विजिट के दौरान इन अधिकारियों को लाइब्रेरी के संचालन की स्थिति की भी समीक्षा करनी होगी। साथ ही कोविड के कारण लाइब्रेरी से इस किताबों की चैक आउट और चैक इन का रिकॉर्ड भी रखना होगा।