Now Farmers Will Gherao Parliament – अब किसान करेंगे संसद का घेराव

किसान आंदोलन को लेकर बीकेयू की युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरू
तीन कृषि कानूनों की वापसी से अधिक बड़ा मुद्दा एमएससी को गारंटी कानून बनाया जाएगा

जयपुर, 19 जुलाई
देश में चल रहा किसान आंदोलन (Kisan andolan) कोविड के कमजोर पडऩे के साथ ही एक बार फिर जोड़ पकड़ रहा है। प्रदेश में भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya kisan union) इस दिशा में प्रभावी रणनीति के साथ व्यापक आंदोलन की तैयारी करने में जुट गया है। इसी के तहत अब किसान मोर्चा (Kisan Morcha) संसद का घेराव करने के लिए 22 जुलाई के बाद संसद मार्च करेगा। यह निर्णय सोमवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव एवं संयुक्त किसान मोर्चा कोर कमेटी के सदस्य युद्धवीर सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई भारतीय किसान यूनियन की नवगठित कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया। जिसमें युद्धवीर सिंह ने कहा कि पिछले 8 माह से चल रही किसान आंदोलन के प्रति सरकार की असंवेदनशीलता एवं निरंकुशता देश के इतिहास में आजादी के बाद पहली बार देखी जा रही है। कोई भी लोकतांत्रिक सरकार किसानों व जनता के आंदोलन को इतने लंबे समय तक कुछ लेने के प्रयास नहीं कर सकती। ऐसे में अब संयुक्त किसान मोर्चा भी अपनी नई रणनीति तय कर रहा है जिसके तहत 22 जुलाई से प्रतिदिन 200 किसानों के साथ संसद के घेराव की रणनीति पर काम किया जाएगा। और कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए संसद मार्च की तैयारी की जाएगी।
जिलों में कार्यकारिणी का गठन
राजाराम मील ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन की सभी जिलों में कार्यकारिणी का गठन हो चुका है भारतीय किसान यूनियन प्रदेश में अखिल राजस्थान किसान संगठन की आवश्यकता को पहली बार पूरा किया है और आने वाले दिनों में इस बैनर तले किसानों की मांग को पुरजोर तरीके से उठाया जाएगा। बीकेयू के प्रवक्ता प्रोफेसर सी बी यादव ने पूरे प्रदेश के किसान कार्यकर्ताओं को का बैठक शुभारंभ करते हुए देश के वर्तमान हालात में किसान आंदोलन की अहमियत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस किसान आंदोलन ने आजादी के बाद पहली बार किसानों की आवाज को इतने बड़े स्तर पर बुलंद किया है। तीन कृषि कानूनों की वापसी से अधिक बड़ा मुद्दा न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी कानून का है। इसे लेकर पूरे प्रदेश में गांव गांव में जन जागरुकता अभियान चलाया जाएगा।