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सबसे खास है सफला एकादशी का व्रत, रखने के हैं यह 4 तरीके, जानें कब रखा जाएगा व्रत

मोहित शर्मा/करौली. हिंदू धर्म के सभी व्रतों में एकादशी के व्रत को सबसे महत्वपूर्ण और सभी व्रतों में सबसे प्राचीन भी व्रत भी माना जाता है. विशेष बात तो ये है कि नए साल 2024 में सबसे पहला व्रत ही एकादशी का पड़ रहा है, उसमें भी सभी एकादशियों में सबसे खास और सभी फलों को देने की शक्ति रखने वाला सफला एकादशी का व्रत 7 जनवरी यानि रविवार को आ रहा है.

साल की सभी 24 एकादशियों में इस सफला एकादशी के व्रत को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है. क्योंकि यह एकमात्र ऐसा व्रत है, जों अपने आप में सभी फलों और मनोकामनाओं को सामर्थ करने की अद्भुत शक्ति रखता है. इसलिए हर व्यक्ति अपनी मनोकामनाओं को पूरी करने की इच्छा से इस व्रत को पूरे श्रद्धा भाव और निष्ठा के साथ करता है.

एकादशियों के व्रत में सबसे सर्वश्रेष्ठ है यह व्रत
पंडित रमेश चंद्र शास्त्री बताते हैं कि जिस प्रकार देवताओं में सबसे सर्वश्रेष्ठ विष्णु, नदियों में गंगा सर्वश्रेष्ठ हैं. उसी प्रकार व्रतों में एकादशी का व्रत सर्वश्रेष्ठ है. उन्होंने बताया कि वैसे तो एकादशी के सभी व्रत श्रेष्ठ हैं लेकिन इस वर्ष जो साल का पहला एकादशी का व्रत, जो पौष कृष्णपक्ष एकादशी 7 जनवरी को आ रही है.

वह अपने आप में बहुत ही लाभप्रद है जिसका नाम ही सफला एकादशी और वह अपने आप में संपूर्ण फलों को देने का समर्थ रखती है. शास्त्री ने बताया कि नए साल 2024 में जो भी मनुष्य इसको नियम से करेगा उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाएगी. एकादशी के व्रत का नियम है की दशमी के दिन भोजन नहीं करना चाहिए. सिर्फ सिर्फ दूध एवं रस ही लेना चाहिए.

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4 तरीकों से किया जा सकता है यह व्रत
शास्त्री ने बताया कि एकादशी के व्रत को चार तरीकों से किया जा सकता है. जिसमें एकादशी का व्रत निराहार किया जाए तो वह सबसे उत्तम, एक बार दूध पीकर दिन भर रहा जाए तो वह मध्यम, एक बार फलाहार से किया जाए तो वह कनिष्ठ हैं और चौथे प्रकार में इसे भोजन से किया जा सकता है. ऐसे में आप साल 2024 के पहले सफला एकादशी के व्रत को भी इन चारों तरीकों में से एक तरीके से कर सकते हैं.

बड़ा ही लाभदायक है सफला एकादशी व्रत
शास्त्री बताते हैं कि इस व्रत के बड़े ही लाभ है. संसार में फल ही प्रमुख और हर मनुष्य फल की ही कामना चाहता है और सफला एकादशी का व्रत तो अपने आप में सभी फलों को देने वाली है. सच्चे मन और निष्ठा से यदि यह व्रत किया जाए तो यह व्रत मन की सभी कामनाओं को पूरा कर देता है.

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