Rajasthan

राजस्थान के इस पर्वत पर भगवान के वाहन नीले घोड़े ने लिया था अवतार, पूरे देश से भक्त यहां आते हैं दर्शन करने-The blue horse, the vehicle of God, had incarnated on this mountain of Rajasthan, know-the-acceptableness

भीलवाड़ा : राजस्थान प्रदेश अपनी खास रियासतों और प्राचीन मंदिरों के साथ अपनी मान्यताओं को लेकर देश और दुनिया में एक अहम स्थान रखता है. यहां पर ऐसे प्राचीन मंदिर है जो अपने आप में खास ही नहीं बल्कि देशभर में आस्था का केंद्र हैं. राजस्थान प्रदेश के भीलवाड़ा जिले में एक ऐसा मंदिर है जहां भगवान के वाहन का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है यहां पर जिला या फिर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश भर से भक्तों का जनसैलाब उमड़ता हैं. यहां भगवान के साथ उनके वाहन की भी पूजा अर्चना की जाती हैं.

भगवान देवनारायण की जन्मस्थली मालासेरी डूंगरी पर भादवी छठ को 1113 नीलाघर घोड़ा ( नीला घोड़ा) अवतरण दिवस मनाया जायेगा. इसके साथ 2 दिवसीय लक्की मेले का भी आयोजन किया जा रहा है, जिसमें प्रदेश ही नहीं देश भर से लाखों श्रद्धालु शिरकत करने आएंगे.

इसके साथ ही दूर-दराज से भी श्रद्धालु पैदल यात्रा करके यहां पर पहुंचते है कहा जाता है कि यहां की जो धरती 1111 साल पहले थी, आज भी वही प्रकृति के रूप में ढ़ली हुई है. यहां पर आने वाले तमाम भक्तों की न केवल मनोकामनाएं पूरी होती हैं, बल्कि हर दु:ख-दर्द मिट जाते हैं. भगवान श्री देवनारायण के दर्शन के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एक भक्त के रूप में यहां पहुंचे थे.

भगवान देव नारायण के घोड़े नीलाघर 1113 वा जन्मोत्सवभीलवाड़ा जिले के आसीन्द स्थित मालासेरी में भगवान देवनारायण जन्मस्थली पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भादवी छठ के अवसर पव नीलाघर घोड़ा अवतरण दिवस मनाया जाता हैं. इसके साथ ही यहां पर विशाल भजन संध्या के साथ ही लक्की मेले का भी आयोजन किया जाता है. जिसमें देश भर से लाखों श्रद्धालु यहां पर आते है. यहीं नहीं श्रद्धालु डीजे और ढोल नंगाड़ों के साथ भक्त पैदल यात्रा करके भी यहां पर पहुंचते है.

जानें क्या है इसकी खास मान्यतामालासेरी मंदिर के मुख्य पुजारी हेमराज पोसवाल ने कहा कि जब माता साडू की परीक्षा लेने भगवान विष्णु आए तब उन्होंने माता का आशीर्वाद दिया कि जब बगडावतों का युद्ध समाप्त हो जाए तो वह मालसेरी डूंगरी चली जाए. जहां तपस्या के बाद भगवान विष्णु उनके पुत्र के रूप में अवतार लेगें तब माता ने उनसे कहा कि मुझे इसका कैसे विश्वास होगा कि आपका अवतार होगा तब भगवान विष्णु ने कहा कि भादवी छठ के दिन मालसेरी डूंगरी पर जाकर वहां पत्थर चीरकर देखना तब मेरा वाहन नीलाघर घोड़े के रूप में प्रकट होगा.

इसके बाद माता साडू ने संवत 968 भादवी छठ को मालासेरी डूंगरी पहुंची तो नीलाघर घोड़ा को देखा तो उनको विश्वास हो गया और उन्होंने अखंड तपस्या की तब भगवान देवनारायण का अवतरण हुआ. यहां भगवान शेषनाग की भी गुफा है और विष्णु के वाहन गरुड़ ने भी नीलाघर ( नीले घोड़े) के रूप में यहां जन्म लिया था. इस वर्ष नीलघर घोड़े का 1113 वां अवतरण दिवस दिवस मनाया जा रहा है. जिसमें शिरकत करने के लिए प्रदेश ही नहीं देश भर से श्रद्धाल यहां पर यहां आते है. कईं श्रद्धालु तो पैदल ही यहां सैंकड़ों किलोमीटर चलकर पहुंचते है और भगवान देवनारायण का आशीर्वाद लेकर यहां से जाते हैं.

भगवान देवनारायण ने भी लिया अवतारभीलवाड़ा जिले के आसींद पंचायत समिति में स्थित मालासेरी डूंगरी मंदिर के महंत हेमराज पोसवाल ने कहा कि कलयुग के प्रथम चरण में भगवान विष्णु ने विक्रम संवत 968 में मालासेरी डूंगरी में पहाड़ चीरकर कमल के फूल में देवनारायण के रूप में अवतरित हुए थे और भगवान श्री देवनारायण ने जन कल्याण के लिए सभी जातियों का उद्धार किया. आज भी पूरे देश और विश्वभर में भगवान श्री देवनारायण की गाथाएं सुनाई जाती हैं, जो अपने आप में बहुत प्रचलित है.

Tags: Local18, Rajasthan news, Religion 18

FIRST PUBLISHED : September 8, 2024, 21:43 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj