अब खचाखच भीड़ में नहीं करना होगा ट्रेन का सफर, रेलवे देने जा रहा नई सुविधा, खत्म होगी जनरल डिब्बे की परेशानी
हाइलाइट्स
रेल मंत्रालय ने सभी ट्रेनों में जनरल कोच बढ़ाने का फैसला किया है. ये कोच मेल और एक्सप्रेस दोनों ही तरह की ट्रेनों में बढ़ाए जाएंगे. देश की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में 2,500 जनरल कोच लगाए जाएंगे.
नई दिल्ली. बिना रिजर्वेशन ट्रेन में सफर करने वाले करोड़ों यात्रियों को रेलवे ने बड़ा तोहफा दिया है. अब जनरल कोच में खचाखच भीड़ के बीच धक्का-मुक्की करते हुए सफर नहीं करना पड़ेगा. रेल मंत्रालय ने ऐसे यात्रियों की सुविधा के लिए जनरल कोच बढ़ाने का फैसला किया है. ये कोच मेल और एक्सप्रेस दोनों ही तरह की ट्रेनों में बढ़ाए जाएंगे. रेलवे की मंशा जनरल कोच में जाने वालों को भी आरामदायक सफर कराने की है.
दरअसल, पिछले दिनों सोशल मीडिया पर कई ऐसे पोस्ट और वीडियो सामने आए जिसमें जनरल कोच में भीषण गर्मी के बीच लोग खचाखच भीड़ में सफर करने को मजबूर थे. लंबी दूरी की ज्यादातर ट्रेनों का यही हाल है और लाखों लोग रोजाना धक्का-मुक्की के बीच जनरल कोच में सफर करने को मजबूर हैं. लेकिन, रेलवे ने अब जनरल कोच की संख्या बढ़ाने का फैसला लेकर इन यात्रियों को बड़ी राहत दी है.
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कितने कोच जोड़े जाएंगेरेलवे बोर्ड की हालिया मीटिंग में तय हुआ कि देश की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में 2,500 जनरल कोच लगाए जाएंगे. बोर्ड में कहा गया कि जनरल कोच के निर्माण का जो सालाना कोटा है, उसमें बढ़ोतरी की जाए. इस फैसले से देश की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की क्षमता भी बढ़ा जाएगी. एक अनुमान के मुताबिक, जनरल कोच में सालाना करीब 18 करोड़ लोग सफर करते हैं.
अभी हर टेन में कितने कोचरेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, भी ट्रेनों में 2 जनरल कोच ही लगाए जाते हैं और इस संख्या को दोगुना यानी 4 किया जाएगा. जिन कोच में अभी एक भी जनरल कोच नहीं हैं, उनमें कम से दो कोच लगाए जाएंगे. हर कोच को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसमें 150 से 200 लोग आराम से बैठ सकेंगे. इसका फायदा रोजाना सफर करने वाले करीब 500 यात्रियों को मिलेगा.
कब तक तैयार हो जाएंगे कोचरेलवे बोर्ड की बैठक में फैसला हुआ है कि 2,500 ट्रेनों में कोच बढ़ाने का काम इसी वित्तवर्ष यानी मार्च, 2025 तक पूरा हो जाएगा. इसके साथ ही 1,377 स्लीपर कोच भी बनाए जा रहे हैं. रेलवे ने अपने कोच प्रोडक्शन की कैपिसिटी को भी बढ़ाया है. वित्तवर्ष 2014-15 में जहां सालाना 555 एलएचबी कोच बनाने की क्षमता थी, वहीं 2023-24 में यह 7,151 कोच पहुंच गई और चालू वित्तवर्ष में इसे 8,692 कोच तक पहुंचा दिया जाएगा. इसमें अमृत भारत और वंदे भारत कोच भी शामिल हैं.
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FIRST PUBLISHED : June 24, 2024, 13:17 IST