अब आपका फोन भी टेस्ट कर पाएगा एयर क्वालिटी, बता देगा कितनी जहरीली है हवा – Now your phone will also be able to test air quality Startup MobilePhysics creates new technology

नई दिल्ली. आजकल के स्मार्टफोन्स कमाल की तस्वीरें ले सकते हैं. लेकिन, उनके हाई-क्वालिटी कैमरे सिर्फ यही करने में सक्षम नहीं है. एक स्टार्टअप ने हवा की गुणवत्ता, धुएं के स्तर और कई एलिमेंट्स को मापने के लिए मेजर एंड्रॉइड स्मार्टफोन में सेंसर सूट को फिर से तैयार किया है. इससे यूजर्स को ये पता चल जाएगा कि उनके आसपास का इलाका कितना सुरक्षित है.
MobilePhysics नामक एक स्टार्टअप अपनी नई एयर-मॉनिटरिंग टेक्नोलॉजी की घोषणा की है. ये स्नैपड्रैगन 8 जेन 3 चिपसेट सपोर्टेड है, जिसे क्वालकॉम ने इस साल की शुरुआत में अनाउंस किया था. फोनमेकर मोबाइल फिजिक्स टेक्नोलॉजी को लागू करने का ऑप्शन चुन सकते हैं. ऐसा होने पर ये ऐप प्री-लोडेड मिलेगा.
चेयरमैन और नोबेल पुरस्कार विजेता रोजर कोर्नबर्ग ने CNET को ईमेल पर बताया कि मोबाइलफिजिक्स कंपनी इस फंक्शन को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने पर केंद्रित है. कोर्नबर्ग ने कहा, जब आप फोन का उपयोग करते हैं तो इसकी टेक्नोलॉजी PM2.5 पोल्यूटेंट पार्टिकल्स (2.5 माइक्रोन से छोटे) को निष्क्रिय रूप से माप सकती है. जो धरती पर रहने वाले अधिकांश लोगों के लिए मददरगार हो सकती है. दुनिया की 99% आबादी विश्व स्वास्थ्य संगठन के तय मानक से ज्यादा प्रदूषित हवा में सांस लेती है.
PM2.5 है ज्यादा घातक
कोर्नबर्ग ने कहा, कैंसर, COPD, हृदय रोग जैसे मृत्यु के किसी भी अन्य कारण की तुलना में पीएम2.5 के संपर्क में आने से अधिक लोग मरते हैं. यह प्रत्येक ह्यूमन सेल, टिशू और ऑर्गन को उन तरीकों से प्रभावित करता है जिन्हें हम अभी तक नहीं समझ पाए हैं.
ठीक उसी तरह जैसे कि Apple ने ब्लड ऑक्सीजन जैसे नए हेल्थ मेट्रिक्स को मापने के लिए Apple वॉच सेंसर का उपयोग किया है. वैसे ही मोबाइल फिजिक्स हवा की गुणवत्ता, धुएं के स्तर, अल्ट्रावायलेट एक्सपोजर, टेम्परेचर और बाकी एम्बिएंट एनवायरमेंटल फैक्टर्स को निर्धारित करने के लिए स्मार्टफोन सेंसर और कैमरों का उपयोग करता है. ये फोन के जेब में होने पर भी काम करता है.
Mobile Physics ये स्कैन बैकग्राउंड में करता है जब लोग फोन में ई-मेल वगैरह चेक करते हैं. ये ऐप यूजर्स को आसपास का माहौल खतरनाक होते ही अलर्ट करता है. अगर यूजर्स लगातार धूप में हैं तो ऐप यूजर्स को कवर करने के लिए कहेगा या एयर क्वालिटी खराब होने पर एयर प्यूरीफायर चलाने या विंडो ओपन करने के लिए कहेगा. सोते समय खतरे का पता लगाने के लिए स्मोक मॉनिटर को रात भर चलने के लिए सेट भी किया जा सकता है.
फिलहाल किसी भी फोन में Mobile Physics के प्रीलोडेड की जानकारी नहीं है. हालांकि, कंपनी ने इसे Google Pixel 8 और Xiaomi 11 Ultra जैसे फोन्स के साथ टेस्ट किया है. दोनों में STmicroelectronic के बेसिक सेंसर्स और स्पेसिफिक VL53L8 टाइम-ऑफ़-फ़्लाइट सेंसर हैं जो एयर-स्कैनिंग टेक्नोलॉजी को चलाने के लिए आवश्यक हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 22, 2023, 05:20 IST