Rajasthan

Nyepi Bali : आखिर क्यों एक दिन के लिए मौन व्रत धारण कर लेता है पूरा द्वीप | why does the entire island observe a fast of silence for a day?

ध्यान और पूजा-पाठ
न्येपी के दौरान द्वीप के लोग नए साल के दिन सुबह छह बजे से 24 घंटे के लिए मौन धारण कर लेते हैं। इस दौरान पूजा पाठ और ध्यान में समय व्यतीत करते हैं। न्येपी का अर्थ ही चुप्पी होता है। इसलिए पूरे द्वीप पर इतनी खामोशी होती है कि यहां मामूली आवाज भी साफ सुनी जा सकती है। इस दौरान परिंदों और पानी के बहाव को ही सुना जा सकता है।

कठिन होता है उपवास
न्येपी के दिन ये लोग खाना नहीं खाते। रोशन की चकाचौंध से दूर रहने के लिए बिजली बंद रखी जाती है। न कोई बाहर जाता है और न ही कामकाज होता है। इस नियम का कड़ाई से पालन किया जाता है। सुरक्षा अधिकारी (पेकलांग) सडक़ों पर गश्त करते हैं, ताकि कोई भी बाहर न निकले। हालांकि बीमार और एंबुलेंस को इससे छूट रहती है। व्रत की इस अनूठी परंपरा को लेकर प्रोफेसर वेयान कहते हैं कि धर्म-दर्शन के दृष्टिकोण से न्येपी मानवता, प्रेम, धैर्य और दयालुता के मूल्यों के आत्मनिरीक्षण का दिन है। ईश्वर की आराधना के साथ ही अपने क्रिया कलापों और अच्छे-बुरे पर मंथन करते हैं।

सैलानियों के लिए भी छूट नहीं
बाली में हर वर्ष लाखों सैलानी आते हैं, लेकिन न्येपी का पालन इनको भी करना होता है। कोई नया सैलानी इस दिन यहां नहीं आ सकता। जो पहले से होटलों में ठहरे हैं, उन्हें भी बाहर जाने की अनुमति नहीं होती। इतना ही नहीं टूरिस्ट साइटें भी न्येपी को ब्लॉक रखती हैं।

210 दिन का होता है कैलेंडर
बाली कैलेंडर 210 दिन का होता है और न्येपी 10वें चंद्र माह की अमावस्या के अगले दिन होता है, जो इस बार 11 मार्च का था। न्येपी से एक दिन पहले न्युपुक होता है, जब बुरी आत्माओं के प्रतिनिधि के रूप में ओगोह ओगोह नामक राक्षस के पुतले को जला दिया जाता है।

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