Old pension scheme of government employees in rajasthan Implementation preparations start check full details rjsr
जयपुर. सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की ओर से सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम (Old pension scheme) बहाल करने की घोषणा के साथ ही अब इस पर काम शुरू कर दिया गया है. प्रदेश के वित्त विभाग ने नई और पुरानी पेंशन से जुड़े आंकड़े जुटाकर हिसाब-किताब का मिलान शुरू कर दिया है. सीएम गहलोत की इस घोषणा से कर्मचारी बेहद खुश हैं. इसके लिये वे अलग-अलग तरह से सीएम का आभार व्यक्त कर रहे हैं. पुरानी पेंशन स्कीम बहाल हो जाने के बाद कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद उसकी सैलेरी का करीब-करीब आधा हिस्सा बतौर पेंशन उपलब्ध हो सकेगा.
वित्त विभाग के सूत्रों की मानें तो इससे राज्य सरकार पर मोटे तौर पर सालाना करीब 19000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आएगा. वर्तमान में लागू नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी के मूल वेतन से 10 फीसदी हिस्सा काटा जाता है और इतना ही इसमें सरकार मिलाती है. इस पर सरकार को सालाना औसतन करीब 1900 करोड़ रुपए खर्च होते हैं. पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने से हाथोंहाथ कोई बड़ा भार सरकार पर नहीं आयेगा. इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि 2004 और उसके बाद सरकारी नौकरी में आये कर्मचारी वर्ष 2030 के करीब रिटायर होना शुरू होंगे.
यह है कर्मचारियों का हिसाब-किताब
भास्कर में प्रकाशित एक खबर के अनुसार वर्तमान में राजस्थान में नई पेंशन स्कीम के तहत विभिन्न सरकारी विभागों में करीब 5.22 लाख कर्मचारी नियोजित हैं. वहीं करीब 38000 कर्मचारी ऑटोनोमस संस्थाओं में कार्यरत हैं. वर्तमान में प्रदेश में 459975 पेंशनर्स हैं. इनमें से 1 लाख 50 हजार 586 को पारिवारिक पेंशन मिल रही है. पूर्व की व्यवस्था के अनुसार 1 अप्रैल 2004 से सरकारी सेवा में आने वाले कर्मचारी और अफसरों को न्यू पेंशन स्कीम में शामिल किया था.
कुल करीब साढ़े सात लाख पद हैं
कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह राठौड़ की मानें तो प्रदेश में राजस्थान सरकार में कुल करीब साढ़े सात लाख पद हैं. इनमें से करीब डेढ़ लाख पद खाली पड़े हैं. मौजूद कर्मचारियों में से नई पेंशन स्कीम के दायरे में करीब तीन लाख कर्मचारी आते हैं. शेष कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम वाले हैं. नई पेंशन स्कीम में जहां कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के बाद उसकी कुल जमा राशि का 60 फीसदी हिस्सा नगद मिलता है. शेष राशि में से उसे पेंशन मिलती है. यह न्यूनतम मानदेय के समान होती है.
पुरानी पेंशन स्कीम से यह होगा बड़ा फायदा
राठौड़ के मुताबिक पुरानी पेंशन स्कीम में सेवानिवृत्त के बाद कर्मचारी को उसकी पूरी रकम मिलने के बाद बेसिक सैलेरी का करीब करीब 50 फीसदी हिस्सा पेंशन के तौर पर मिल जाता है. वहीं राज्य कर्मचारियों पर प्रतिवर्ष लागू होने वाले होने इंक्रीमेट का फायदा भी मिलता है. वहीं नौकरी में रहते हुये कर्मचारी के खाते से पेंशन पेटे कोई कटौती नहीं होती है.
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