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इस पेड़ पर देवताओं का होता है वास, दर्द का दुश्मन और इन रोगों का है काल

Last Updated:May 21, 2025, 10:33 IST

harsingar leaf juice ke fayde: अब तक आपने कई फायदेमंद और चमत्कारी पेड़-पौधों के बारे में सुना होगा लेकिन, क्या आपने कभी एक ऐसे पेड़ के बारे में सुना है जो स्वर्ग से धरती पर आया है. इस बात का जिक्र हिन्दू धर्म क…और पढ़ें

हरश्रृंगार नाम का यह पेड़ देखने में सामान्य पेड़ों की तरह होता है. इसकी हाइट 10 से 15 फिट रहती है. देखने में यह थोड़ा नीम जैसा दिखाई देता है लेकिन, खास बात यह है कि यह पेड़ इतना चमत्कारी है कि इसका हर भाग आयुर्वेद की दृष्टि से फायदेमंद है.

जोड़ों के दर्द के लिए यह पेड़ रामबाण इलाज देता है. स्वर्ग से धरती पर आने वाले इस पेड़ में कई औषधीय गुण भी ऐसे पाए जाते हैं जो कई बड़ी बीमारियों को जड़ से ख़त्म कर देते हैं. यह पेड़ पूरी तरह से औषधीय गुणों से भरपूर होता है. इसकी पत्ती, फूल और छाल सहित हर चीज आयुर्वेद में उपयोगी बताई जाती है.

करौली के आयुर्वेद अस्पताल के सीनियर डॉ. महेश जंगम बताते हैं कि हरश्रृंगार का महत्व शास्त्रों में भी है. वह बताते हैं कि नीम की पत्तियों की तरह इस पौधे की पत्तियों को सीधे चबाकर सेवन कर सकते हैं.

यह पौधा जोड़ों के दर्द का रामबाण इलाज है. बॉडी में कहीं पर भी दर्द हो तो यह पौधा उस दर्द में विशेष लाभदायक होता है. वह बताते हैं कि हरश्रृंगार हाथों-हाथ दर्द में राहत देता है.

डॉ जंगम बताते हैं कि औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण इस पौधे का कई तरह से उपयोग किया जाता है. विशेष रूप से जोड़ों के दर्द में इसकी पत्ती, फूल, छाल सभी चीजें फायदेमंद रहती हैं. वह बताते हैं कि इसकी पत्तियों को नीम की तरह भी मुंह से चबाकर खाया जा सकता है. इसकी पत्तियों और छाल को सुखाकर इसका पाउडर के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. कई लोग इसका काढ़ा बनाकर भी उपयोग में लेते हैं.

दर्द वाली जगह पर इस पेड़ की पत्ति या छाल को तेल में मिलाकर इससे सेंकाई भी किया जा सकता है.डॉ महेश जंगम ने लोकल 18 से खास बातचीत में कहा कि शास्त्रों में भी हरश्रृंगार के पौधे की विशेष हिस्ट्री और फायदे बताए गए हैं.

शास्त्रों में लिखा हुआ है कि यह पौधा स्वर्ग से धरती पर लाया गया है. वह बताते हैं कि पुराने जमाने में जब लोग दर्द और कष्ट रोगों से ज्यादा पीड़ित हुए थे तब भगवान धन्वंतरि इस पौधे को धरती पर लाए थे. आयुर्वेद में हरश्रृंगार को रोगों का काल कहा जाता है.

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