Rajasthan
Operation Clean Water Part-2: Don’t make you sick, the water of SMS | ऑपरेशन क्लीन वाटर पार्ट-2: कहीं बीमार ना कर दे एसएमएस अस्पताल का पानी…!

एसएमएस अस्पताल की धन्वतंरि ओपीडी में रोजाना हजारों की संख्या में मरीज प्रदेश के कोने-कोने से पहुंचते हैं। यहां बिल्डिंग के ठीक बाहर पानी का वाटर कूलर और आरओ लगा हुआ है। जहां पर ठंडा पानी देखकर लोग पानी पीने पहुंचते हैं। लेकिन, जब पत्रिका टीम ने यहां का टोटल डिजॉल्वड सॉलिड यानी टीडीएस 550 से 600 के बीच मिला। जबकि पानी का तापमान 19 डिग्री सेल्सियस के आसपास था। जबकि वाटर कूलर के पास ही वाटर प्यूरिफायर लगा हुआ था।
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रियलिटी चैक…2: बांगड़ का वाटर प्वाइंट
जब पत्रिका ने एसएमएस अस्पताल का ही दूसरा वाटर प्वाइंट खोजा तो उसमें सबसे ज्यादा भीड़भाड़ की जगह पर बांगड़ अस्पताल के बाहर के वाटर प्वाइंट पर मिली। इस वाटर प्वाइंट का निर्माण वर्षों पूर्व दानदाता के सहयोग से हुआ था। पानी के करीब आधा दर्जन प्वाइंट पर लोग अपनी प्यास बुझाते नजर आए। लेकिन, जब वहां पानी का टीडीएस चैक किया गया तो वहां भी टीडीएस 550 से 600 के बीच आया। जब टीम टीडीएस चैक कर रही थी तो मरीजों के परिजन पानी पीने से ही कतराने लगे।

जब पत्रिका ने एसएमएस अस्पताल का ही दूसरा वाटर प्वाइंट खोजा तो उसमें सबसे ज्यादा भीड़भाड़ की जगह पर बांगड़ अस्पताल के बाहर के वाटर प्वाइंट पर मिली। इस वाटर प्वाइंट का निर्माण वर्षों पूर्व दानदाता के सहयोग से हुआ था। पानी के करीब आधा दर्जन प्वाइंट पर लोग अपनी प्यास बुझाते नजर आए। लेकिन, जब वहां पानी का टीडीएस चैक किया गया तो वहां भी टीडीएस 550 से 600 के बीच आया। जब टीम टीडीएस चैक कर रही थी तो मरीजों के परिजन पानी पीने से ही कतराने लगे।
गंदगी से अटा पड़ा वाटर प्वाइंट बांगड़ के बाहर पानी का प्वाइंट गंदगी से अटा पड़ा था। जिसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि ना तो लोग गंदगी फैलाने से बाज आ रहे हैं और ना ही प्रशासन सफाई को लेकर मुस्तैद हैं। यहां खाना खाने के बाद लोग टिफिन में बची हुई सब्जियां वाटर प्वाइंट में ही फेंक देते हैं। जिससे गंदगी और बदबू की समस्या बढ़ रही है।
