Opinion: क्या उदयपुर के नव संकल्प शिविर से कांग्रेस की उम्मीदों का नया सूर्य उदय हो पाएगा? – udaipur chintan shivir will be new milestone of hope for congress the road map shall provide a way forward nodps | – News in Hindi
उदयपुर. राजस्थान का कश्मीर कहे जाने वाले झीलों के शहर उदयपुर में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की आलाकमान ‘त्रिमूर्ति’ और टॉप लीडरशिप तीन दिन तक पार्टी के लगातार खो रहे जनाधार और खिसकती जमीन को तलाशने के लिए चिंतन-मंथन करेगी. कांग्रेस ने इसे नव संकल्प शिविर का नाम दिया है. लगातार दो लोकसभा चुनाव और कई राज्यों में करारी हार के बाद 2 राज्यों, 53 लोकसभा सांसद व 35 राज्यसभा सांसद तक सिमट चुकी कांग्रेस के लिए यकीनन यह आत्मचिंतन की बेला है. यह इसलिए भी बेहद जरूरी है,क्योंकि कांग्रेस के पास अब खोने के लिए ज्यादा कुछ बचा भी नहीं है. इस शिविर में पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस के प्रथम परिवार यानी नेहरू-गांधी परिवार की दशा और दिशा का भी रोडमेप होगी.
बड़े नेताओं की कार्यशाला पर उठेंगे सवाल
उदयपुर नव संकल्प शिविर का नयापन और बेहद दिलचस्प तथ्य यह है कि इस शिविर में जहां टीम राहुल मानी जाने वाली नई पीढ़ी के नेताओं को बुलाया है, वहीं राजीव-सोनिया गांधी के समय से पार्टी में सक्रिय उन पुराने नेताओं को भी याद फरमाया है, जो पिछले काफी समय से कांग्रेस के कामकाज से न सिर्फ दूर हैं, बल्कि नेतृत्व की जड़ता और पार्टी की कार्यशैली पर सवाल भी उठाते रहे हैं. इनमें जी-23 के नाम से चर्चित कई बड़े नेता भी हैं, जिन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर हल्के बगावती तेवर दिखाए थे.
मिशन-2024 का एक्शन प्लान व रोडमैप होगा तैयार
आज से शुरू इस तीन दिवसीय शिविर का सबसे बड़ा टार्गेट 2024 का आम चुनाव है, हालांकि इससे पहले कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव भी हैं, लेकिन पार्टी का मुख्य फोकस लोकसभा चुनाव ही हैं. शिविर में चिंतन-मनन कर 2024 लोकसभा चुनाव का एक्शन प्लान व रोडमैप तैयार किया जाएगा. 13 और 14 मई को सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, संगठन मजबूती, युवा और कृषि जैसे मसलों पर मंथन होगा. 15 मई को कांग्रेस वर्किंग कमेटी यानी सीडब्ल्यूसी फिर इन प्रस्तावों पर अपनी मुहर लगाएगी.
राष्ट्रीय मुद्दों पर भावी रणतीति बनाएंगे
कांग्रेस महासचिव और मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला दावा करते हैं कि उदयपुर से देश की उम्मीदों का नया सूर्य उदित होगा. इस शिविर में देश भर से पार्टी के 430 नेताओं को चिंतकों के रूप में आमंत्रित किया गया है. वे देश के प्रमुख मुद्दों पर मंथन करके उसका निचोड़ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सामने रखेंगे और पार्टी भविष्य की रणनीति और आगे के कामकाज का खाका खींचेगी.
‘रेपिस्तान’ बने राजस्थान में हो रही सांप्रदायिक हिंसा पर भी होगा फोकस
यह देखना भी दिलचस्प होगा कि जिस मरुधरा पर कांग्रेस का नव संकल्प शिविर हो रहा है, उसके विवादित मुद्दों से कांग्रेस कैसे पार पाती है ? सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट की तनानती अब भी जारी है. प्रदेश में इन दिनों ऐसा लग रहा है कि यहां कानून-व्यवस्था हाशिए पर है. रेप में नंबर वन राजस्थान में अब विधायक-मंत्री पुत्रों पर अबलाओं से दुष्कर्म के आरोप लग रहे हैं. कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी से रेपिस्तान बना राजस्थान जवाब मांग रहा है. राहुल-सोनिया गांधी को यहां की हिंसा, आगजनी और दंगों की घटनाएं नहीं दिख पा रही हैं.
परिवारवाद से बचने पर भी विचार
प्रधानमंत्री मोदी जिस तरह से परिवारवाद पर जोरदार प्रहार कर रहे हैं, उसके साए में इस शिविर से पहले चौंकाने वाले संकेत यह मिले हैं कि अब राहुल गांधी संगठन में परिवार की भूमिका सीमित करने के समर्थन में हैं. यहां तक कि अगर जरूरत समझी गई तो राहुल खुद को भी अध्यक्ष पद की दावेदारी से हटा सकते हैं. हालांकि यह दीगर है कि पार्टी के भीतर राहुल को दोबारा अध्यक्ष बनाने का जबरदस्त माहौल बनता जा रहा है और चिंतन शिविर में यह मांग जोरदार तरीके से उठ सकती है कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद संभालें.
(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए News18Hindi किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं है)

हरीश मलिक पत्रकार और लेखक
वरिष्ठ पत्रकार और लेखक. कई वर्षों से वरिष्ठ संपादक के तौर पर काम करते आए हैं. टीवी और अखबारी पत्रकारिता से लंबा सरोकार है.
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