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Opinion: पीएम मोदी की करिश्माई नीतियों और सकारात्मक बदलावों के चलते विधानसभा चुनावों में जीती बीजेपी

चार राज्यों के 3 दिसंबर को घोषित हुए चुनावी नतीजों में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा को प्रचंड जीत मिली है. इस जीत के बाद जहां एक तरफ भाजपा के हौसले बुलंद हैं वहीं I.N.D.I.A. गठबंधन अलग-थलग पड़ता नजर आ रहा है. गठबंधन के नेता एक दूसरे पर ही आरोप प्रत्यारोप मढ़ रहे हैं. लेकिन एक बात जो इन नतीजों से उभर कर आई है और वो ये कि जनता ने भाजपा की जनकल्याणकारी नीतियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व के चलते देश में हो रहे व्यापक सकारात्मक बदलावों के चलते इन चुनावों में स्पष्ट जनादेश दिया है. वहीं पर कांग्रेस नेताओं के बेतुके बयानों ने जनता के मन में नाराजगी पैदा की है और इसका फायदा भाजपा को मिला है.

पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों का बिगुल बजने के साथ ही इस बात को लेकर चर्चाओं का बाजार काफी  गरम था कि यदि इन चुनावों में भाजपा हारती है तो इसका असर 2024 के लोकसभा चुनावों पर भी पड़ेगा. लेकिन अब जब कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रचंड बहुमत हासिल किया है तो ये तय माना जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल भाजपा ने जीत लिया है. चुनावों के नतीजों के ऐलान के बाद पीएम मोदी ने भी इस बात का जिक्र करते हुए कहा, “विधानसभा के इन चुनावों के नतीजों के आने के बाद कुछ लोग ये भी कह रहे हैं कि आज की इस हैट्रिक ने, 2024 के चुनावों की हैट्रिक की गारंटी दे दी है.” उन्होंने ये भी कहा, “ इस जनादेश ने ये भी साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण और परिवारवाद को लेकर देश में जीरो टॉलरेंस की भावना है. साथ ही मैं विशेष रूप से देश की नारीशक्ति का अभिनंदन करूंगा. जब देश की माताएं और बहनें किसी का सुरक्षा कवच बन जाएं, तो कोई भी ताकत उसे नुकसान नहीं पहुंचा सकती.”

विपक्ष को एक संदेश
दरअसल ये विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत ही नहीं है बल्कि आगामी 2024 लोकसभा चुनावों के लिए विपक्ष को एक संदेश भी है. विधानसभा चुनावों में मध्य प्रदेश में तो भाजपा के सत्ता में वापसी के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन छत्तीसगढ़ में तो विश्लेषक भी गलत साबित हुए. क्योंकि उनका भी मानना था कि वहां कांग्रेस की सरकार बनने वाली है. वहीं राजस्थान में भी भाजपा की अंदरूनी खींचतान की खबरें अक्सर आया करती थीं, लेकिन वहां भी पार्टी बहुमत हासिल करने में सफल रही. वहीं दिलचस्प तरीके से तेलंगाना में भी भाजपा ने पिछली बार के मुकाबले ज्यादा सीटें जीती हैं.

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चला पीएम मोदी का मैजिक
संदेश बिल्कुल साफ है कि पीएम मोदी का मैजिक चला है. मध्य प्रदेश, राजस्थान ओर छत्तीसगढ़ के चुनावी नतीजों से ये साफ है कि देश की जनता कहीं न कहीं नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार को चुनने का मन बना चुकी है. इसके पीछे का कारण तलाशा जाए तो पता चलता है कि साढ़े नौ सालों में केंद्र की मोदी सरकार में घोषित की गईं योजनाओं का लाभ जिस प्रकार देश की आम जनता तक पहुंचा है, यही वजह है कि पीएम मोदी ने जब छत्तीसगढ़ में ये कहा कि इसे आप मोदी की गारंटी समझिए तो लोगों के ऊपर इसका सीधा असर हुआ.

पीएम मोदी ने संभाली प्रचार प्रसार की कमान
इन चुनावों में पीएम मोदी ने प्रचार प्रसार की कमान सीधे तौर पर संभाली और उनका साथ दिया केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने. हमने चुनाव प्रचार के दौरान देखा की जनता किस प्रकार योगी आदित्यनाथ को देखने के लिए उमड़ती थी. उत्तर प्रदेश में योगी ने जिस तरह से अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टालरेंस की नीति अपनाई उससे पूरे देश में उनकी मजबूत नेता की छवि बनी है. उनकी बुलडोजर बाबा की छवि और बढ़ती हुई लोकप्रियता का फायदा भाजपा को चुनावों में निश्चित रूप से हुआ है.”

तमाम एक्जिट पोल गलत साबित
भाजपा ने मध्य प्रदेश में 163 सीटें जीतीं. अब ये साफ है कि गुजरात की भांति मध्य प्रदेश भी भाजपा का मजबूत गढ़ बन चुका है. वहीं राजस्थान में भी पार्टी को 115 सीटें हासिल हुईं और तमाम एक्जिट पोल गलत साबित हुए. इस बार के चुनावों में भाजपा ने किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं दिया था. पार्टी ने अपनी जनकल्याणकारी नीतियों और पीएम मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व को आगे करके चुनाव लड़ा और इतनी बड़ी जीत दर्ज की.

जातिगत जनगणना का दांव नाकाम
वहीं कांग्रेस द्वारा फौरी तौर पर लाभ लेने के लिए जातिगत जनगणना का जिन्न दोबारा जीवित करने की नाकाम कोशिश की गई और उनके नेताओं द्वारा ‘जितनी आबादी, उतना हक’ का नारा बार-बार दोहराया. अभी तक तो क्षेत्रीय दल ही जातिगत जनगणना की बात करते थे. ऐसा पहली बार हुआ जब कांग्रेस ने इस मामले को हवा देने की कोशिश की. लेकिन इसका उसे नुकसान हुआ और राजस्थान और छत्तीसगढ़ में उनकी सरकारों द्वारा किए गए कामों के बावजूद जनता ने उनको नकार दिया.

मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के अलावा बात अगर तेलंगाना की करें जिसे कांग्रेस अपना मजबूत किला मानकर चल रही थी वहां पर भी भाजपा ने 08 का आंकड़ा छुआ. जबकि भाजपा के पास वहां पर न कोई मजबूत संगठन है और न ही लोकप्रिय नेता. तेलंगाना की जीत से भाजपा को हौसला मिला है और अब लोकसभा के चुनावों में पार्टी बेहतर करने की उम्मीद कर सकती है.

विपक्षी दल कोअपशब्दों का नुकसान
इन चुनावों में एक बात और साफ हो गई कि अगर कोई विपक्षी दल का नेता पीएम मोदी के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करता है तो इसका उसे नुकसान ही होता है. जबकि इसके उलट फायदा भाजपा को मिल जाता है. आईएनडीआईए गठबंधन में कोई ऐसा नेता नहीं है जो लोकप्रियता और जनता से कनेक्ट के मामले में पीएम मोदी का दूर दूर तक मुकाबला कर सकता हो. मोदी की बात जनता के दिल पर सीधे तौर से असर करती है, अब ये बात साबित हो चुकी है. वर्तमान परिदृश्य में जितना गहरा प्रभाव जनता के मन में उनके कार्यों और व्यक्तित्व का है शायद ऐसा दूसरे किसी नेता का नहीं है. इसका भरपूर फायदा भाजपा को मिल रहा है. इसीलिए इन विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद ये बात खूब चर्चित हुई कि देश में एक ही गारंटी चलती है- मोदी की गारंटी.

(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए News18Hindi उत्तरदायी नहीं है.)

Tags: 5 State Assembly Elections in 2023, Assembly Elections 2023, Madhya Pradesh Assembly Elections 2023, Opinion, PM Modi

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