Opinion: किसानों पर मोदी सरकार मेहरबान, इस मामले में पिछले साल का तोड़ा रिकॉर्ड

नई दिल्ली: मोदी सरकार किसानों के लिए हमेशा तत्पर रही है. किसानों को किसी तरह की दिक्कत न हो, इसका मोदी सरकार पूरा ख्याल रखती है. गेहूं खरीद के मामले में सराकर ने पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. मोदी सरकार के इस तेज पहल से लाखों किसानों को लाभ हुआ है. गेहूं की खरीद मार्केटिंग ईयर 2024-25 में पिछले साल से आगे निकल गई है. यह इस दौरान 262.48 लाख टन रही. जबकि पिछले साल की कुल खरीद 262.02 लाख टन रही थी. मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा में अच्छी खरीद से कुल खरीद को बढ़ावा मिला है.
सरकार ने शुक्रवार को एक बयान जारी किया. इस बयान में सरकार ने बताया कि केंद्रीय भंडारण के लिए 262.48 लाख टन रबी मौसम का अनाज पहले ही खरीदा जा चुका है. इससे 59,715 करोड़ रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ 22.31 लाख किसानों को लाभ हुआ है. बयान में कहा गया, पंजाब में 124.26 लाख टन, हरियाणा में 71.49 लाख टन, मध्य प्रदेश में 47.78 लाख टन, राजस्थान में 9.66 लाख टन और उत्तर प्रदेश में 9.07 लाख टन खरीद की गई.
गेहूं की खरीद आम तौर पर अप्रैल से मार्च तक चलती है, लेकिन केंद्र ने इस साल राज्यों को फसल की आवक के आधार पर खरीद करने की अनुमति दी है. अधिकतर राज्यों में खरीद मार्च की शुरुआत में शुरू हुई. सरकार ने विपणन वर्ष 2024-25 के लिए गेहूं खरीद का लक्ष्य 30 से 32 करोड़ टन निर्धारित किया है. चावल की खरीद भी सुचारू रूप से जारी है. 489.15 लाख टन चावल के बराबर 728.42 लाख टन धान करीब 1,60,472 करोड़ रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 98.26 लाख किसानों से खरीदा गया है.
केंद्र की मोदी सरकार ने कहा कि गेहूं और चावल का संयुक्त भंडार वर्तमान में केंद्रीय भंडारण में 600 लाख टन से अधिक है. यह पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के साथ-साथ बाजार में हस्तक्षेप के तहत देश को अपनी खाद्यान्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक आरामदायक स्थिति में लाता है.
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FIRST PUBLISHED : May 27, 2024, 07:30 IST